ट्रेन लेट है इसलिए लिखो राम-राम...

Last Updated 20 Dec 2014 03:04:13 PM IST

दमोह रेलवे स्टेशन पर एक वृद्घ, प्रतीक्षारत युवा यात्रियों को पत्रक व लाल पेन थमाकर आत्मीयता से उन्हें राम-राम लिखने को कहते हैं.




ट्रेन लेट है तो लिखो राम-राम

ट्रेन की प्रतीक्षा या फिर ट्रेन लेट होने पर यात्रियों में चिंता की लकीरें नजर आना स्वाभाविक है, लेकिन दमोह रेलवे स्टेशन पर नजारा इन दिनों कुछ बदला-बदला सा है, यहां एक वृद्ध प्रतीक्षारत यात्रियों खासकर युवाओं को पत्रक व लाल डॉट पेन थमाकर आत्मीयता से उन्हें राम-राम लिखने की प्रार्थना करते देखे जा सकते हैं.

शहर के फुटेरा वार्ड नंबर एक महाकाली चौक निवासी गोविंद प्रसाद ताम्रकार (68) प्रतिदिन सुबह नौ बजे अपने घर से भोजनकर पैदल ही करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर पत्रक, पेन थैले में रखकर स्टेशन पहुंच जाते हैं, ट्रेन की प्रतिक्षा करते खास तौर पर युवाओं के पास पहुंचते हैं और अपना उद्देश्य बताकर वे यात्री को संस्कार, चरित्र और धर्म की बातों से प्रभावित कर राम-राम नाम के लेखन को प्रेरित करते हैं, खास बात यह है कि वृद्घ यह काम निशुल्क करते हैं और शाम को करीब 6 बजे रेलवे स्टेशन से वापस घर को आते हैं.
 
गोविंद बताते हैं कि राम-राम लिखे इन पत्रक को वे श्री राम नाम बैंक गीता भवन, इंदौर में जमा कराने के लिए डाक से भेज देते हैं, इसमें भेजने वाला का नाम पता व राम नाम लिखे गए शब्दों की संख्या का उल्लेख अंकित किया जाना आवश्यक रहता है, ताकि संपूर्ण गणना करने में सुविधा हो सके.
 
वृद्घ गोविंद का कहना है कि ये प्रेरणा उन्हें एक संत्सग में उन्हें भजन-कीर्तन के कार्यक्रम में एक महात्मा ने दी थी, महात्मा ने कहा था कि पत्रक में राम नाम लिखने और दूसरों से अंकित कराने में ही परमसुख व उद्घार होगा, तभी से वे इस कार्य को करीब दस सालों से करते आ रहे हैं, अस्वस्थ्य हो जाने पर कभी कभार इस कार्य के लिए नहीं पहुंच पाते हैं.
 
सागर से अपडाउन करने वाले अभिषेक नेमा ने बताया कि कामकाज की व्यस्तता के चलते पूजा के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है, लेकिन कभी-कभार स्टेशन पर बुजुर्ग द्वारा दिए गए पत्रक में राम-राम लिखने से मन को शांति प्राप्त होती है और उनका यह कार्य काफी लोगों के लिए प्रेरणा बना हुआ है.



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