151 योगासन जानती है ‘नन्ही योगगुरु’ श्रेया

Last Updated 16 Nov 2014 04:52:12 PM IST

बिहार के खगड़िया में रहने वाली 12 साल की श्रेया त्यागी 151 योगासन और 21 प्राणायाम करने में दक्ष है.




नन्ही योगगुरु श्रेया

इसलिए तो योगगुरु बाबा रामदेव ने श्रेया को ‘नन्ही योगगुरु ’ की उपाधि दी है. स्वामी रामदेव जब भी बिहार दौरे पर आते हैं तो वह श्रेया से मिलना नहीं भूलते.

बिहार के प्रसिद्ध योगाचार्य धर्मेद्र त्यागी की पुत्री श्रेया का जन्म 21 सितम्बर, 2002 को हुआ. वह अपने पिता को रोज व्यायाम करते देख उनकी नकल उतारती रही. दो वर्ष की उम्र में ही श्रेया को योग के लिए नई दिल्ली के राष्ट्रीय शिविर में पुरस्कार से नवाजा गया था.

श्रेया के पिता कहते हैं कि भले ही ‘गिनीज बुक ऑफ र्वल्ड रिकॉर्डस’ में श्रेया का नाम दर्ज नहीं हुआ हो, लेकिन यह योगबाला कई राज्यों में अपनी योगकला का प्रदर्शन कर वाहवाही लूट चुकी है।. 2006 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुनी गई बिहार की श्रेया त्यागी सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थी. उसे महज चार वर्ष की उम्र में यह सम्मान मिला था.

\"\"योग विषय पर घंटों प्रवचन देने वाली श्रेया ने बातचीत के दौरान किसी विदुषी की तरह बोली, ‘मनुष्य जीवन एक संघर्ष है. इसमें जीतते वही हैं जिनका आत्मबल मजबूत होता है.आत्मबल सच्चाई का दूसरा नाम है.’

इसके बाद श्रेया थोड़ी सहज हुई और बोली, ‘ज्यादातर बीमारी लोग स्वयं पैदा करते हैं. गलत खान-पान, गलत रहन-सहन, गलत दिनर्चया के कारण बीमारियां पैदा होती हैं. इन बीमारियों का उन्मूलन योग से किया जा सकता है. सौ बीमारी की एक दवा है योग.’

इतना ही नहीं, नन्ही श्रेया अपने हठयोग की बदौलत अपने सीने पर चार ईट रखकर हथौड़े से आसान से तुड़वा लेती है.

एक प्रशिक्षित जिम्नास्टिक खिलाड़ी की तरह वह अपने शरीर को विभिन्न दिशाओं में किसी भी तरह घुमाने की क्षमता रखती है. अब तक दर्जनों पुरस्कारों से नवाजी गई श्रेया के पिता कहते हैं, ‘योग के कठिन आसनों, जैसे वृश्चिक, द्विपादसिरासन, गर्भासन, पक्षी आसन, सर्वागासन, पूर्णभुजंगासन एवं मत्स्यासन श्रेया बहुत सहजता से कर लेती है.’



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