रेल बजट में जनता की आकांक्षाओं के साथ साथ वित्तीय स्थिति के संतुलन की चुनौती

Last Updated 24 Feb 2016 03:56:58 PM IST

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के गुरूवार को पेश होने वाले दूसरे रेल बजट में यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और रेलवे की वित्तीय स्थिति के साथ संतुलन साधने की चुनौती है.


फाइल फोटो

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समक्ष यह दुविधा होगी कि यात्री किराया या माल भाड़ा बढ़ाया जाए या नहीं क्योंकि जहां एक तरफ रेलवे की वित्तीय स्थिति पर भारी दबाव है वहीं दूसरी तरफ डीजल के दाम घट रहे हैं और कुछ राज्यों में चुनाव भी होने हैं.
  
राजस्व संग्रह में गिरावट और क्षमता विस्तार से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की मांग तथा यात्री सेवा में सुधार के लिए किराए में बढ़ोतरी की जरूरत के बीच रेल मंत्रालय का एक धड़ा इसके पक्ष में नहीं है. इस धड़े का कहना है कि इस मौके पर किराए में बढ़ोतरी बहुत अच्छा विचार नहीं है क्योंकि चार राज्यों में चुनाव होने हैं और डीजल की कीमत घट रही है.
  
रेल विभाग के सूत्रों ने कहा, ‘डीजल की कीमत घट रही है. यात्रियों की बुकिंग और माल का लदान भी घट रहा है. इसलिए फिलहाल माल भाड़ा और यात्री किराया बढ़ाने से रेलवे पर विपरीत असर होगा. यदि जरूरत पड़ी तो किराए में बढ़ोतरी बजट के बाद भी की जा सकती है और आवश्यक नहीं है कि ऐसा सिर्फ बजट में ही किया जाए.’
  
इसके अलावा प्रभु को इस पर विचार करना होगा कि दुर्घटना रोकने के लिए सुरक्षा संबंधी पहलों के लिए सुरक्षा उपकर लगाना चाहिए या नहीं.

रेलवे ने त्योहारी मौसम के दौरान बढ़ती मांग की जरूरत पूरी करने के लिए लोकप्रिय मागरे पर ज्यादा किराए वाली उतनी ही विशेष रेलगाड़ियां चलाने का फैसला किया है जो अप्रत्यक्ष रूप से किराया बढ़ाने जैसा ही है.
  
आधुनिक सुविधाओं और बेहतर साज-सज्जा के साथ मौजूदा डिब्बों के उन्नयन की योजना बड़े पैमाने पर बनाई जा रही है ताकि हाल में नयी दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई महामना एक्सप्रेस की तरह ज्यादा किराए वाली रेलगाड़ियां चलाई जा सकें.
  

माल परिवहन एवं यात्री परिचालन क्षेत्र में दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्सिडी इस साल 30,000 करोड़ रूपए को पार कर गई जबकि सातवें वेतन आयोग का बोझ करीब 32,000 करोड़ रूपए था.
  
रेलवे आय अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान लक्ष्य के मुकाबले 3.77 प्रतिशत कम रहकर 1,36,079.26 करोड़ रूपए रही जबकि लक्ष्य 1,41,416.05 करोड़ रूपए का था.
  
रेलवे ने राजग कार्यकाल में 2014 में यात्री किराए में 14 प्रतिशत और पिछले साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी.
  
आर्थिक हालात गंभीर होने के बावजूद उम्मीद है कि रेल बजट रेल क्षेत्र में क्षमता विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसके लिए पव्यिय बढ़ाकर करीब 1.25 करोड़ रूपए करने की योजना है.
  
सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा उन्नयन, विद्युतीकरण, रेलगाड़ियों की आवाजाही की दिक्कतें कम करने के लिए दोहरीकरण और आधुनिकीकरण के लिए उल्लेखनीय राशि आवंटित की जायेगी.
 



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