बंगाल विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी हो रही तैयार

Last Updated 22 Aug 2014 10:18:56 AM IST

लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में अपनी उपस्थिति दर्शाने के बाद बीजेपी अब राज्य में अगले माह होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव और इस साल के आखिर में होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी संगठन को मजबूत कर रही है.


भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने बताया कि पार्टी बसीरहाट साउथ और चौरंगी विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए ध्यान केंद्रित कर रही है.

लोकसभा चुनाव में भाजपा को बसीरहाट साउथ विधानसभा सीट पर 30,000 मतों की बढ़त मिली थी.

भाजपा के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया ‘‘वर्ष 2016 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए हमारे लिए संगठन को मजबूत करने और दृढ़ता हासिल करने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है.’’

नकवी ने कहा ‘‘अपनी नीतियों के बारे में बताने के लिए लोगों तक पहुंचने के उद्देश्य से अपने कैडरों की सक्रि यता बढ़ाने की खातिर हमने कई कदम उठाए हैं.’’

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस बसीरहाट साउथ तथा चौरंगी सीटें जीतने का दावा करते हुए कहती है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अंतर होता है और ‘‘कथित मोदी लहर अब फीकी पड़ रही है.’’ 

राज्य में पार्टी की स्थिति का संदर्भ देते हुए सिन्हा ने कहा ‘‘यहां मोदी लहर है. लोगों में भाजपा के बारे में बढ़ती रूचि और तृणमूल के कुशासन का विकल्प पेश करने की हमारी क्षमता वह मुख्य कारण हैं जिनके चलते राज्य में हमारा प्रभाव बढ़ रहा है.’’

गत लोकसभा चुनाव में भाजपा की राज्य में वोटों की हिस्सेदारी 18 फीसदी थी और उसने दो सीटें.. आसनसोल और दार्जिलिंग जीती थीं. अब वह राज्य में राजनीतिक समीकरण बदलने की कोशिश में है जो अब तक वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस के बीच ध्रुवीकृत रहा है.

राज्य में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के पीछे जिन लोगों की भूमिका रही उनमें से एक हैं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह. उन्होंने बताया कि विभिन्न दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल करने के साथ साथ पार्टी ट्रेड यूनियनों, छात्रों और युवा शाखाओं में भी अपना आधार बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य में पार्टी नेतृत्व ममता बनर्जी के करिश्मे की बराबरी कर पाएगा, नकवी ने कहा ‘‘हम एक व्यक्ति आधारित पार्टी नहीं हैं. हम कैडर आधारित पार्टी हैं जो जमीनी जड़ों से लेकर शिखर तक संगठन को मजबूत बनाने पर जोर देती है. हमारा यह भी मानना है कि हमारा राज्य नेतृत्व बेहतर काम कर रहा है.’’

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दो माह में 1.5 लाख से अधिक लोग पार्टी में शामिल हुए हैं जिनमें विभिन्न दलों के कुछ नेता और खेल, फिल्म तथा संस्कृति के क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां शामिल हैं.

तृणमूल कांग्रेस में नए और पुराने सदस्यों के बीच तकरार जैसी स्थिति को देखते हुए भाजपा सतर्कता बरत रही है और दागी लोगों तथा असामाजिक तत्वों को दूर रखने के लिए नए सदस्यों को शामिल करने से पहले उनकी पूरी पड़ताल की जाती है.

सिन्हा ने बताया कि पार्टी में शामिल हो रहे लोगों को प्राथमिक सदस्यता दी जा रही है और उनके संगठन कौशल की जांच करने के बाद उन्हें समुचित जवाबदारी दी जाएगी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानस भुइयां ने विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों के भाजपा में शामिल होने की बात स्वीकार करते हुए इसे ‘‘अस्थायी दौर’’ करार दिया.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने ‘‘सांप्रदायिक कार्ड’’ खेला है लेकिन वर्ष 2016 से पहले इसका असर खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा ‘‘मोदी के अच्छे दिन वाले नारे से देश भर में लोगों का मोह भंग हो रहा है.’’

माकपा के वयोवृद्ध नेता बसुदेव आचार्य ने राज्य में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को ‘‘गहरी चिंता’’ का विषय बताया. उनके अनुसार, भाजपा के उदय का मतलब ‘‘आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडा का क्रियान्वयन’’ है जिसे हर कीमत पर रोकना जरूरी है.

उन्होंने माना कि कुछ वाम कार्यकर्ता भाजपा से जुड़ गए हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि भाजपा केंद्र की सत्ता में आ गई जिससे यह संदेश गया है कि उन्हें (वाम कार्यकर्ताओं को) राज्य में तृणमूल के कहर से सिर्फ भाजपा ही बचा सकती है.
 



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