केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार रात यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि शाह कड़ी सुरक्षा के बीच आज शाम यहां पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह केंद्र शासित प्रदेश का उनका पहला दौरा है।
उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान शाह पुंछ जिले का भी दौरा करेंगे, जहां सात से 10 मई तक सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी एवं ड्रोन हमलों में कुल 28 लोगों की जान चली गई थी। उनमें 14 आम नागरिक थे।
अधिकारियों ने बताया कि राजभवन पहुंचने के तुरंत बाद शाह ने जम्मू-कश्मीर में समग्र स्थिति और आतंकवाद रोधी अभियानों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
गृह मंत्री ने इस साल तीन जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। उन्हें यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव, मुख्य सचिव अटल डुल्लू तथा विभिन्न अर्धसैनिक बलों, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए।
जम्मू में रात्रि विश्राम के बाद शाह पुंछ के लिए रवाना होंगे और शुक्रवार को पुंछ की अपनी यात्रा के दौरान गोलाबारी प्रभावित परिवारों से बातचीत करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि वह सिंह सभा गुरुद्वारा समेत क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे और सबसे अधिक प्रभावित जिले में नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
मंत्री पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर का भी दौरा करेंगे और जवानों से बातचीत करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि शाह गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को नियुक्ति पत्र वितरित कर सकते हैं।
यह छह अप्रैल के बाद से गृह मंत्री की जम्मू-कश्मीर की तीसरी यात्रा होगी तथा भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली यात्रा होगी।
भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त कर दिया था। यह अभियान पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
छह अप्रैल को तीन दिवसीय दौरे के बाद शाह ने पहलगाम हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को कश्मीर का दौरा किया था।
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