संभलकर रहें, अभी आसमान से और बरसेगी ‘आग’
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि उत्तर भारत में भीषण लू चलने, दिल्ली में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस पार करने और पूर्वोत्तर में अचानक आने वाली बाढ़ समेत जलवायु परिवर्तन का असर बना रहेगा तथा आगे स्थिति और खराब होगी।
![]() संभलकर रहें, अभी आसमान से और बरसेगी ‘आग’ |
दिल्ली के दो मौसम केंद्रों में 49 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और पड़ोस के गुरुग्राम में 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किए जाने के एक दिन बाद विशेषज्ञों ने सोमवार को मौसम के घटनाक्रम का विश्लेषण किया और गंभीर चेतावनी दी।
पर्यावरणविद् और जलवायु वैज्ञानिक शकील अहमद रोमशू ने श्रीनगर से फोन पर साक्षात्कार में कहा, दक्षिण एशिया में ‘ग्लोबल वार्मिंग’ के परिणामस्वरूप बढ़ते तापमान और गर्मी तथा आद्र्रता के स्तर के अधिक होने के कारण यह अनुमान है कि भारत में गर्मी का प्रकोप अधिक तीव्र, लंबे समय तक और लगातार रहेगा।
कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रोमशू के अनुसार जलवायु परिवर्तन का एक संकेतक तापमान बहुत अधिक होने संबंधी घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति है। हीट वेव चरम स्थिति है और जलवायु परिवर्तन का प्रत्यक्ष संकेतक है।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणो के रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा, पिछले कुछ दशकों में जलवायु परिवर्तन तेज गति से हो रहा है और इसके निशान 2000 के दशक से वैश्विक मौसम के किसी भी एक दिन में देखे जा सकते हैं।
‘जेनरेशन जेड’ ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को हमेशा महसूस किया है। राष्ट्रीय राजधानी में 1951 के बाद से इस साल दूसरा सबसे गर्म अप्रैल रहा, जिसमें मासिक औसत अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस था।
उत्तर भारत जहां उच्च तापमान से जूझ रहा है, वहीं केरल और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई। इसके अलावा, मौसम कार्यालय ने केरल के पांच जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।
वहीं पूर्व में, असम का दीमा हसाओ जिला कई स्थानों पर अचानक आई बाढ़ और बड़े पैमाने पर भूस्खलन की चपेट में आ गया है, जिससे रेल और सड़क संपर्क बाधित हुआ है।
वैश्विक जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ हरजीत सिंह ने कहा, धरती के औसत तापमान में पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
जलवायु परिवर्तन न केवल तापमान बढ़ा रहा है बल्कि मौसम के पैटर्न को भी बदल रहा है जो खतरनाक मौसम को और बढ़ा देता है।
| Tweet![]() |