फारूक की बहन व कांग्रेस नेता पर भी शिंकजा

Last Updated 26 Nov 2020 06:15:54 AM IST

रोशनी कानून के तहत जमीन हासिल करने वाले 269 लोगों की दूसरी सूची में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की बहन, एक प्रभावशाली महंत और कांग्रेस के एक नेता सहित दो प्रमुख होटल व्यवसायियों के नाम शामिल हैं।


फारूक की बहन व कांग्रेस नेता पर भी शिंकजा

इस कानून को अब रद्द कर दिया गया है। जम्मू प्रशासन ने सात लोगों की एक दूसरी सूची भी जारी की है जिन्होंने राज्य की भूमि पर कथित तौर पर अतिक्रमण किया और इसमें पीडीपी के एक नेता, एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।

कश्मीर के संभागीय आयुक्त की वेबसाइट पर अपलोड की गई नई सूची के मुताबिक, लाभ हासिल करने वालों में एक पूर्व नौकरशाह और उनकी पत्नी भी शामिल हैं जिन्होंने योजना के तहत अपने आवासीय स्थल को वैधानिक बनाया, जबकि दर्जनों अन्य व्यवसायियों ने अपने व्यावसायिक भवनों का मालिकाना हक प्राप्त किया।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के नौ अक्टूबर के निर्देश के मुताबिक संभागीय प्रशासन की तरफ से जारी लाभार्थियों की यह दूसरी सूची है।

उच्च न्यायालय ने रोशनी कानून को ‘‘अवैध, असंवैधानिक और अव्यावहारिक’’ करार दिया और इस कानून के तहत जमीन के आवंटन पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।

प्रशासन ने 35 लाभार्थियों की सूची जारी की जिसमें पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू, उनके कुछ रिश्तेदार और शीर्ष होटल व्यवसायी तथा एक पूर्व नौकरशाह के नाम शामिल हैं।

दूसरी सूची में कांग्रेस नेता के. के. अमला और मुश्ताक अहमद चाया के अलावा पूर्व नौकरशाह मोहम्मद शफी पंडित और उनकी पत्नी शामिल हैं। अमला और चाया होटल व्यवसायी भी हैं।

लाभार्थियों में फारूक अब्दुल्ला की बहन सूरिया अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है जिन्हें तीन कनाल से अधिक के प्लॉट का मालिकाना हक आवासीय इस्तेमाल के तहत प्राप्त हुआ।

सूची के मुताबिक, अधिकारियों ने जमीन को मंजूरी दी लेकिन सूरिया ने अभी तक एक करोड़ रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया है। उनके नाम से जमीन को मंजूरी देने के बाद से उन्हें कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया।

जम्मू में संभागीय आयुक्त ने अलग से 138 लाभार्थियों की एक अन्य सूची जारी की जो जम्मू दक्षिण तहसील में पड़ता है। इनमें अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय के लोग हैं जिनके पास 107 एकड़ जमीन है जो उन्हें रोशनी कानून के तहत दिया गया।

हालांकि इसमें अधिकतर कृषक हैं लेकिन कुछ प्रभावशाली लोग भी इसमें शामिल हैं जिनमें दिगियाना आश्रम के न्यासी महंत मंजीतंिसह भी शामिल हैं जिनके पास सात कनाल भूमि है।

सूची में पीडीपी नेता तालिब चौधरी (दो कनाल), पीडीपी कार्यालय के पास बहु सुंजवान तहसील में तीन कनाल भूमि, सेवानिवृत्त आईजीपी निसार अली (तीन कनाल), सेवानिवृत्त एसएसपी मिर्जा राशिद (तीन कनाल) और प्रमुख व्यवसायी हाजी सुल्तान अली जिनके पास 30 कनाल भूमि का बड़ा हिस्सा है, इसमें शामिल हैं।

जम्मू संभागीय प्रशासन ने मंगलवार को 541 लोगों की अलग सूची जारी की थी जिनमें से अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय के हैं। इन लोगों ने विभिन्न तहसील में रोशनी कानून के तहत जमीन हासिल किया था। इसके अलावा नौ लोगों की दो सूची जारी की थी जिन्होंने रोशनी कानून से इतर राज्य सरकार की जमीन पर अतिक्रमण किया था। इनमें फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं।

इसके अलावा इसने 1237 लोगों की दो और सूची जारी की थी जिन्होंने दो तहसील में कथित तौर पर अतिक्रमण किया है।

प्रधान सचिव और राजस्व विभाग से कहा गया है कि इस कानून के तहत राज्य की जमीन का बड़ा हिस्सा वापस लेने की योजना पर काम करें।

केंद्रशासित प्रशासन ने एक नवंबर को रोशनी कानून के तहत सभी जमीन हस्तांतरण को रद्द कर दिया था जिसके तहत ढाई लाख एकड़ जमीन वर्तमान धारकों को हस्तांरित की जानी थी। इस कानून का मूल नाम जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (धारकों को मालिकाना हक देना), कानून 2001 है।

भाषा
श्रीनगर


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