कोविड-19 संकट, से निपटने को अतिरिक्त राहत, आर्थिक प्रोत्साहन जल्द : सीतारमण

Last Updated 18 Apr 2020 01:40:12 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक बहुपक्षीय फोरम पर कहा कि कोविड-19 से प्रभावित उद्योगों और गरीबों के लिए भारत जल्द एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज घोषित करेगा।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने शुक्रवार को विबैंक की विकास समिति की 101वीं पूर्ण बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भाग लेते हुए वैश्विक समुदाय को भरोसा दिलाया कि भारत कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए जरूरतमंद देशों को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति करता रहेगा।       

सरकार द्वारा पिछले महीने किए गए कल्याणकारी उपायों की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि कुल 23 अरब डॉलर या 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत उपाय किए गए। इनमें स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, नकदी स्थानांतरण, खाद्य और गैस का मुफ्त वितरण और प्रभावित मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपाय शामिल हैं।      
उन्होंने कहा कि कंपनियों विशेषरूप से लघु एवं मझोली इकाइयों को मदद के लिए सरकार ने आयकर, जीएसटी, सीमाशुल्क, वित्तीय सेवाएं और कॉरपोरेट मामलों से जुड़े सांविधिक और नियामकीय अनुपालन में राहत दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक भी इसमें पूरा सहयोग कर रहा है। नियामक बाजार में उतार-चढाव पर अंकुश के लिए कदम उठा रहे हैं।     
सीतारमण ने कहा कि सरकार आगामी दिनों में मानवीय सहायता और आर्थिक प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त राहत देने के लिए अंशधारकों के साथ गंभीरता के साथ काम कर रही है।     

इस सत्र में अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि आबादी के आकार के हिसाब से भारत कोविड-19 का बड़ा हॉटस्पॉट बन सकता था। लेकिन सरकार ने कोई कोताही नहीं बरती और इस महामारी पर अंकुश के लिए स्वास्थ्य पण्राली को भरपूर सहयोग दिया।     

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टैंसिंग), यात्रा पर अंकुश, घर से काम, घर पर ही रहना, जांच को बढाने जैसे कई उपाय किए गए।     

सीतारमण ने कहा कि वैश्विक समुदाय का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम जरूरतमंद देशों को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं। यदि स्थिति की मांग होती है तो हम ऐसा करना जारी रखेंगे। भारत ने अमेरिका सहित कई देशों को हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति शुरू की है। हालांकि, इसके लेकर भारत और अमेरिका में राजनयिक विवाद हुआ था।

भाषा
नयी दिल्ली


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