इंडोनेशिया 68 साल बाद फिर गणतंत्र समारोह का बनेगा गवाह
गणतंत्र दिवस समारोह में जहां इस बार दस आसियान देशों के प्रमुख शामिल होने वाले हैं वहीं 1950 में पहले समारोह के 68 साल बाद एक बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे.
फाइल फोटो |
पहले गणतंत्र दिवस समारोह में दक्षिण पूर्व एशिया के शक्तिशाली नेता और इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे और अब 68 साल बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो समारोह में शामिल होंगे. इससे पहले कभी भी गणतंत्र दिवस के लिए दो से ज्यादा अतिथियों को आमंत्रित नहीं किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है जो अपने आप में अप्रत्याशित है.
गणतंत्र दिवस की इस बार की परेड में म्यांमार की नेता आंग सान सू की, विदोदो, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग, मलयेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजक, थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ चा, वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फक, फिलीपींस के रॉड्रिगो डूटर्ट, कंबोडिया के हुन सेन, लाओस के थोनगलोउन सिसोउलिथ और ब्रुनई के सुलतान हसनल बोल्किया शामिल होंगे.
गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमानों के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा चाक चौबंद कर ली गयी है. प्रमुख बाजार, रेलवे-मेट्रो स्टेशन, हवाई अड्डा, बस अड्डा, ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों सहित भीड़भाड़ वाले इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गये हैं.
राजधानी से लगती राज्यों की सीमाओं सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. राजधानी में 50 हजार पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती कर दी गई है.
राजपथ-इंडिया गेट तथा आसपास के इलाके की सुरक्षा के लिए बहु स्तरीय सुरक्षा योजना तैयार की गई है. आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी और एनएसजी पर होगा और दिल्ली पुलिस बाय रूप से उन्हें मदद करेगी.
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