सुप्रीम कोर्ट के जजों की PC: कांग्रेस, विधि विशेषज्ञों ने जतायी चिंता
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा इस कोर्ट के कार्यकलाप को लेकर आज प्रेस कांफ्रेंस करने पर कांग्रेस और कई वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है.
सुप्रीम कोर्ट के जजों की PC |
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर देश के सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा कोर्ट के कामकाज को लेकर पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करने पर चिंता जतायी और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. पार्टी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के कार्यकलापों पर कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस चिंताजनक है."
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "हम प्रेस कांफ्रेंस करने वाले जजों की आलोचना नहीं कर सकते. चारों जजों का अपने क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है. हमें हर हाल में उनका सम्मान करना है. अब प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चारों जज और चीफ जस्टिस एक विचार के साथ और एक होकर काम करें."
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मुकुल मुदगन ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के जजों के समक्ष प्रेस कांफ्रेंस करने के सिवा कोई विकल्प नहीं था तो कुछ गंभीर बात जरूर रही होगी. लेकिन जस्टिस लोया मामले से इसका क्या संबंध हो सकता है. मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूं और न ही मैं किसी राजनीतिक मुद्दे पर कोई टिप्पणी करना चाहता हूं."
पूर्व सॉलिसीटर जनरल सोली सोराबजी ने कहा, "जजों की प्रेस कांफ्रेंस से निराश हूं. सुप्रीम कोर्ट में विभाजक स्थिति नहीं होनी चाहिए."
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि जजों के इस कदम से न्यायपालिका में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का मामला लोगों के विश्वास से जुड़ा है और यह दुखद है.
वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि देश की जनता को यह जानने का हक है कि सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है. उन्होंने कहा कि इससे देश की सबसे बड़ी कोर्ट के भीतर जो कुछ चल रहा है वह सबके सामने आएगा.
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