शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन, तीन तलाक बिल पर कांग्रेस बनी अड़ंगा
राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पास करवाने के लिए सरकार के पास सिर्फ आज का दिन बचा है.
(फाइल फोटो) |
आज शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है और अगर आज इस विधेयक पर मुहर नहीं लगती है तो फिर ये विधेयक अगले सत्र तक के लिए टल जाएगा.
सरकार ने तीन तलाक विधेयक लोकसभा में बहुमत के दम पर आसानी से पास करा लिया, लेकिन राज्यसभा में सरकार अल्पमत में है. ऐसे में विधेयक पास कराने के लिए उसे विपक्षी दलों का सहयोग चाहिए. कांग्रेस ने लोकसभा में विधेयक को लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस अपनी ताकत दिखा रही है और विधेयक को चयन समिति को भेजने की मांग पर अड़ी है. वहीं सरकार इसे इसी सत्र में पास कराना चाहती है.
कांग्रेस के इस विरोध पर जेटली ने राज्यसभा में कहा कि चयन समिति के पास भेजने का प्रस्ताव देरी के आया.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया कि उनका दल तीन तलाक विधेयक के विरोध में नहीं है बल्कि इसमें मुस्लिम महिलाओं के हितों की अनदेखी किये जाने के खिलाफ हैं. आजाद ने कहा कि अगर विधेयक में तीन तलाक से पीड़ित महिला के पति की सजा के दौरान उसके और उसके बच्चों के भरण पोषण के इंतजाम से जुड़े प्रावधान शामिल किये जायें या सरकार इस जिम्मेदारी को वहन करे, तो उनकी पार्टी विधेयक को पूरा समर्थन करने के लिये तैयार है.
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