गुजरात में हमारी भाभी के लिए भी न्याय सुनिश्चित करें : ओवैसी

Last Updated 28 Dec 2017 08:55:51 PM IST

तीन तलाक को अपराध करार देने वाले विधेयक का विरोध करते हुए हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी का जिक्र किया और पति से अलग गुजरात में रह रहीं जसोदा बेन के लिए भी न्याय सुनिश्चित करने की मांग की.


(फाइल फोटो)

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा, "गुजरात की हमारी भाभी सहित पति द्वारा छोड़ी गईं सभी धर्मो की 20 लाख महिलाओं' के लिए भी न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए."

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा मुस्लिम महिला (अधिकार संरक्षण व विवाह) विधेयक का मसौदा पेश किए जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद ने कहा कि यह मूल अधिकारों का हनन करता है.

उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर पर्याप्त सलाह नहीं ली गई है.

ओवैसी ने कहा, "यह मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय होगा.. एक कानून बनाइए, जिसमें दूसरे धर्मो की 20 लाख महिलाओं को, जिन्हें त्याग दिया गया, उन्हें न्याय मिले. इसमें हमारी गुजरात की भाभी भी शामिल हैं."



उन्होंने तीन तलाक के लिए नया कानून बनाने की जरूरत पर सवाल उठाया, क्योंकि घरेलू हिंसा के लिए बने कानून से ही ऐसे मामलों को रोका जा सकता था.

तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के भरण-पोषण के अधिकार के प्रावधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मौजूदा कानूनी ढांचे में सामंजस्य का आभाव है. विधेयक में कहा गया है कि पति को जेल भेजा जाएगा व इसमें यह भी कहा गया कि वह गुजारा भत्ता देगा..जो व्यक्ति जेल में रहेगा, वह कैसे गुजारा भत्ता देगा?"

आईएएनएस


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