झांकियों में दिखेगी विकास और संस्कृति की झलक
गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार दर्शकों को लोककला और संस्कृति की समृद्ध परम्परा के साथ-साथ आम आदमी का सपना पूरा करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई \'प्रधानमंत्री आवास योजना\' की झांकी भी देखने को मिलेगी.
झांकियों में दिखेगी विकास और संस्कृति की झलक |
इसके अलावा \'जीएसटी\' और \'कौशल विकास\' के माध्यम से देश को समृद्ध बनाने के सरकार के सपने को भी झांकी में जगह मिली है. 23 वर्षो बाद लक्ष्यद्वीप को इस बार राजपथ पर झांकी के माध्यम से अपनी लोक संस्कृति के साथ-साथ वहां की अमूल्य धरोहरों को दिखाने का मौका मिला है. दिल्ली ने भी तीन वर्षो के अंतराल बाद मॉडल स्कूलों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में हुए परिवर्तन को दिखाने का अपनी झांकी के माध्यम से प्रयास किया है.
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में कुल 28 झांकियां शामिल होंगी. इनमें राज्य सरकार और विभिन्न मंत्रालयों की झांकियां शामिल हैं. तीन वर्षो के अंतराल बाद इस बार दिल्ली की झांकी को राजपथ पर पहुंचने का मौका मिला है, वहीं लक्ष्यद्वीप की झांकी को 23 वर्षो बाद मौका मिला है. सीएसआईआर ने अपनी झांकी मे माध्यम से अपने 75 वर्षो के दौरान किए गए शोध का दर्शाया है. राष्ट्रीय आवास बैंक प्रधानमंत्री के सपने \'सबका सपना घर हो अपना\' को साकार करने वाली झांकी लेकर आया है. जम्मू-कश्मीर \'गुलमर्ग\' थीम पर अपनी झांकी लेकर आया है. इसमें गुलमर्ग में शीतकालीन समय में होने वाले शीत क्रीड़ाओं को दिखाने की कोशिश की गई है.
स्किल इंडिया की झांकी में एक ओर जहां छात्रों एवं कारीगरों को कार की मरम्मत करते हुए दिखाया गया है तो दूसरी ओर कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को पेश किया गया है. अरुणाचल प्रदेश की झांकी में बौद्ध धर्म की महायान शाखा के लोगों का प्रसिद्ध नृत्य \'याक नृत्य\' करते कलाकार दिखाई देंगे. सबसे मजेदार और दर्शकों को भाने वाली गोवा की झांकी है. \'गोवा की संगीत विरासत\' थीम वाली इस झांकी पर लड़के-लड़कियां गिटार की धुन पर थिरकते दिखाई देंगे.
पंजाब की झांकी में \'जागो आईया\' नृत्य के माध्यम से वहां के लोक संगीत और नृत्य को दिखाने की कोशिश की गई है. इस नृत्य को शादी के मौके पर लड़कियां करती हैं. गुजरात की ओर से \'कच्छ की कला\' को झांकी के माध्यम से पेश किया जा रहा है. इनमें वहां की विभिन्न 16 तरह की कशीदाकारी करती महिलाएं दिखाई देंगी. हरियाणा की ओर से महिला सुरक्षा और विकास को दर्शाने वाली झांकी तैयार की गई है. महाराष्ट्र की झांकी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की कहानी को बयां करती है.
पश्चिम बंगाल अपनी झांकी के माध्यम से अपने यहां की लोक नृत्य व कलाओं को राजपथ पर लेकर आ रहा है. हिमाचल प्रदेश अपनी झांकी के माध्यम से पहाड़ी कला \'चम्बा रुमाल\' से दर्शकों को रू-ब-रू कराएगा. कर्नाटक की झांकी में वहां की कला को दिखाने की कोशिश की गई है. इसके अलावा पंजाब, त्रिपुरा, असम, तमिलनाडु के अलावा सीपीडब्ल्यूडी, सीबीईसी, एमएसएमई, सीएसआईआर की झांकियां शामिल है.
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