समलैंगिकता के फैसले पर कोर्ट करे पुनर्विचार: जेटली
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को 2013 में समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी में डालने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो) |
एक कार्यक्रम में जेटली ने शनिवार को कहा कि व्यस्कों के बीच परामर्श से बने समलैंगिक संबंधों को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपराधमुक्त कर दिया था लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट कर इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया. उनके मुताबिक यह सही कदम नहीं था.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुनियाभर के न्यायशासों के मुताबिक सही नहीं है और आगे चलकर उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा.
उन्होंने कहा समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 50 वर्ष पहले प्रासंगिक हो सकता था.
उन्होंने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों को देखना पड़ेगा कि आम सहमति से समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी में डालने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए.
जेटली ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको पुनर्विचार करने की जरूरत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब लाखों लोग इसमें (समलैंगिक संबंधों में) शामिल हों तो आप इसे झुठला कैसे सकते हैं.’’
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