पाक हाईकमीशन के अफसर से रमजान ने कहा मुझे मां चाहिए

Last Updated 28 Nov 2015 08:30:34 AM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी की चाइल्ड लाइन में रह रहे पाकिस्तानी किशोर रमजान को उसके घर वापस भेजने के प्रयास तेज हो गए हैं.




रमजान ने कहा मुझे मां चाहिए (फाइल फोटो)

शुक्रवार को पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा सचिव खालिद हुसैन ने भोपाल पहुंचकर रमजान (14) से मुलाकात की.

भारत के हाईकमीशन के अफसर की मौजूदगी में उन्होंने बंद कमरे में रमजान से करीब एक घंटे तक बात की. उन्होंने रमजान से पूछा बेटे तुझे क्या चाहिए? मासूमियत से रमजान ने कहा कि मुझे मां के पास ले चलो. हालांकि बैठक खत्म होने के बाद वह मीडिया से चर्चा किए बिना चले गए.

अयोध्या नगर स्थित उम्मीद बाल गृह में रह रहे पाकिस्तानी बालक रमजान से मिलने शुक्रवार शाम को पाक के विदेश मंत्रालय में सचिव खादिम हुसैन पहुंचे.

उनके साथ भारत के हाईकमीशन के अफसर संजय कुमार के अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्री मायासिंह के विशेष सहायक विशाल नाडकर्णी, महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रभातसिंह भी थे.

खादिम हुसैन ने रमजान से उसके परिवार के तमाम लोगों के नाम पूछे. वह सिर्फ अपने नाना-नानी के नाम नहीं बता पाया. रमजान से उन्होंने पाकिस्तान से बांग्लादेश फिर वहां से भारत आने के बारे में पूरी जानकारी ली. रमजान से संबंधित तमाम दस्तावेज भी उन्होंने शेयर किए.

उन्होंने बड़े प्यार से रमजान से पूछा बेटा तुझे क्या चाहिए?रमजान ने कहा मुझे मां के पास जाना है. बैठक के अंत में तय हुआ कि दोनों देशों के हाईकमीशन इस मामले में जल्द से जल्द फैसला करेंगे.

राजधानी में पढ़ रहे कराची के एक छात्र ने सोशल मीडिया की मदद से उसका घर खोज निकाला था. चाइल्ड लाइन की संचालक अर्चना सहाय ने पाकिस्तान के समाज कल्याण बोर्ड की मदद से रमजान की बात फोन पर उसकी मां से करवा दी.

\"\"इसके साथ ही रमजान की घर वापसी के प्रयास शुरू हुए. हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी रमजान से भेंट कर उसे पाकिस्तान भेजने के लिए जरूरी प्रयास करने के निर्देश दिए थे.

इसी क्रम में खादिम हुसैन ने रमजान से मुलाकात की है.

कराची की मूसा कॉलोनी में रहने वाले रमजान की मां का नाम रजिया और पिता का नाम ताजउल मुल्क है. माता-पिता का तलाक होने के बाद पिता रमजान को अपने साथ लेकर बांग्लादेश आ गया था.

वहां उसने दूसरी शादी कर ली. सौतेली मां ने रमजान को परेशान करना शुरू कर दिया, तो वह मां के पास कराची जाने के लिए घर से भाग निकला. लेकिन सरहद पर भटककर भारत की सीमा में आ गया.

अगरतला, रांची, कोलकाता, दिल्ली होते हुए 2013 में वह भोपाल आ गया. रेलवे पुलिस ने उसे पकड़कर चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया. फरवरी-15 में उसके कराची का होने के बारे में पता चला. वह चौथी कक्षा तक पढ़ा है.



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