सूचना लीक रोकने के लिए कर्मचारियों की जांच अनिवार्य
कॉरपोरेट जासूसी मामले के मद्देनजर सूचना लीक को बंद करने के लिए केंद्र ने अपने विभागों के लिए कठोर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल) |
इसके जरिए दूसरे जगह से आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है और गोपनीय कार्यों को इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर से करने से बचने को कहा गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से पिछले सप्ताह जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बाह्य मेमोरी उपकरण को इन कंप्यूटरों पर यूएसबी ड्राइव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और फोटो कॉपी मशीन के दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए.
गृह मंत्रालय का यह दिशा-निर्देश पेट्रोलियम एवं नैचुरल गैस मंत्रालय समेत कुछ मंत्रालयों से गोपनीय सूचना की लीक की पृष्ठभूमि में आया है.
दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘मंत्रालय और विभाग इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि गोपनीय कार्य इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों पर नहीं किए जाएं और इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बाह्य मेमोरी उपकरण को इन कंप्यूटरों पर यूएसबी ड्राइव से नहीं जोड़ा जा सकता है.’’
सभी ब्यूरो प्रमुखों से कहा गया है कि वे इस तरह के गोपनीय कार्य के लिए विशेष कंप्यूटर का निर्धारण करें.
दिशा-निर्देशों को 30 जून को सभी मंत्रालयों के बीच वितरित किया गया है.
मानव संसाधन मंत्रालय और कई अन्य मंत्रालयों में आउटसोर्सिंग के जरिए अच्छी खासी संख्या में कर्मचारी रखे गए हैं. इन दिशा-निर्देशों को सभी ब्यूरो प्रमुखों को भेजा गया है और उनसे इस बात को सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ऐसे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग हो गई है.
फोटो कॉपी मशीन के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि संबद्ध सेक्शन के अधिकारी जहां उपकरण लगे हैं उन्हें उनका कोड लॉक करना चाहिए.
दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘फोटोकॉपी करने वाली मशीनों और अन्य कार्यालय उपकरणों में गणना उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि अनधिकृत फोटोकॉपी नहीं हो. सीसीटीवी कैमरे भी विवेकपूर्ण तरीके से लगाए जाने चाहिए.’’
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