फैसले लेने की प्रक्रिया तेज करें सचिव : प्रधानमंत्री

Last Updated 01 Apr 2015 11:55:41 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष स्तर के नौकरशाहों से फैसले लेने की प्रक्रिया को तेज करने और आपस में किसी भी संवादहीनता को समाप्त करने को कहा.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राउरकेला में स्टील प्लांट के उद्घाटन पर बोलते हुए.

उन्होंने अधिकारियों को उद्देश्यपरक और ईमानदारी से निर्णय लेने में स्वतंत्रता और संरक्षण मिलने की बात सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया. मोदी ने भारत सरकार के सभी सचिवों के साथ अनौपचारिक बातचीत में अपने विचार रखे.

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने एकत्रित अधिकारियों को एक टीम की संज्ञा दी और पिछले दस महीने में इस टीम द्वारा किये गये अच्छे कार्यों की सराहना की.

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने खासतौर पर कोयला ब्लॉकों की नीलामी और प्रधानमंत्री जनधन योजना की सफलता का उल्लेख किया.

बयान के मुताबिक, ''प्रधानमंत्री ने एक बार फिर सभी सचिवों से कहा कि यदि कोई कमी है तो उसे दूर करने के लिए वे एक दूसरे से नियमित परामर्श करें और फैसला लेने की प्रक्रिया को तेज करें.''

वक्तव्य के अनुसार मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस टीम में संवादहीनता को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता.

मोदी ने अपने इस विचार को दोहराया कि सरकार में अधिकारियों को उद्देश्यपरक तथा ईमानदारी से फैसले लेने की स्वतंत्रता और संरक्षण प्राप्त होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं.

इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया, नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय, कैबिनेट सचिव अजीत सेठ, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र तथा प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी के मिश्रा उपस्थित थे.

मोदी ने पिछले साल 26 मई को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ ही दिन बाद चार जून को सभी सचिवों से मुलाकात की थी और उनसे निडरता से फैसले लेने को कहा था.

 



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