आम आदमी पार्टी में अंदरूनी कलह, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की विदाई लगभग तय
दिल्ली में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी में अंदरूनी कलह और उठापटक बढ़ गई है.
AAP से योगेंद्र,प्रशांत की होगी विदाई (फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव से कलह के बाद राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफे की पेशकश कर डाली थी. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव संसदीय कार्य समिति में नहीं रहना चाहते हैं, यह उन्होंने साफ तौर पर कह भी दिया है.
दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी का नेतृत्व पार्टी के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है. प्रशांत भूषण ने पार्टी में एक व्यक्ति केंद्रित सोच की भी आलोचना की.
योगेंद्र यादव ने सोमवार सुबह ट्वीट करके इस कलह को प्रमाणित भी कर दिया. उन्होंने लिखा, 'यह वक़्त बड़ी जीत के बाद बड़े मन से, बड़े काम करने का है. देश ने हमसे बड़ी उम्मीदें लगाई हैं. छोटी हरकतों से खुद को और इस आशा को छोटा न करें.'
पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति को इस मामले में सभी पक्षों से बातचीत कर फैसला करना है. पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास की 25 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और संसदीय कार्यसमिति को भेजी चिट्ठी में भी पार्टी में लोकतंत्र को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं. इसमें पार्टी में चल रही गुटबाजी और अंदरूनी कलह का मसला उठाया गया है.
गुरुवार और शुक्रवार को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संसदीय कार्य समिति के विस्तार और सुधार को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था. साथ ही योगेंद्र यादव को पीएसी से हटाने की सिफारिश भी कुछ सदस्यों ने की थी.
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशांत भूषण द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रो. आनंद कुमार की अध्यक्षता में परिवहन मंत्री गोपाल राय और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज गुप्ता के साथ 3 सदस्यीय कमेटी बनाकर उसे यह जिम्मा सौंपा था कि वह प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और अरविंद केजरीवाल से बातचीत कर यह तय करें कि आगे क्या करना चाहिए. उसी के बाद कमेटी के तीनों सदस्यों ने शनिवार को योगेंद्र यादव से और रविवार को प्रशांत भूषण से बातचीत की.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बनाए रखने का समर्थन किया, वहीं पीएसी में सुधार और बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए यह भी साफ कर दिया है कि वह खुद अब पीएसी में सदस्य के रूप में नहीं रहना चाहते.
उन्होंने हरियाणा में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने या भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के द्वारा देशभर में चलाए जा रहे अभियान की अगुवाई करने की इच्छा भी जताई.
पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि हम पार्टी के अंदर जारी मतभेद से बहुत दुखी है. पार्टी की अंदर की बातें मीडिया में आ रही है चिट्ठियों को सार्वजनिक कर दिया जा रहा है. इस तरह का कदम पार्टी को कमजोर करने के लिए उठाया जा रहा है. इस बार राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में कई अहम फैसले लेने वाले हैं.4 मार्च को राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनईसी) की बैठक में इस बाबत फैसला किया जाएगा.
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