जनता दल परिवार ने सरकार के विरूद्ध धरना देकर एकजुटता दिखायी,केंद्र सरकार पर उठाए सवाल
जनता दल परिवार के नेताओं ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुये उसे सत्ता से बेदखल करने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया.
जनता दल परिवार का धरना |
जनता दल परिवार को एक करने के प्रयास में जुटे समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना को सम्बोधित करते हुए लोगों विशेषकर नौजवानों से गांव गांव में आन्दोलन तेज करने तथा अनुशासन के साथ एकजुट होने की अपील की.
उन्होंने कहा कि अपने अनुभव के आधार पर वह कह सकते हैं कि किसी मुद्दे पर एकबार नौजवान खडा हो जाता है तो कोई सरकार नहीं टिकती है.
श्री यादव ने केन्द्र सरकार पर नौजवानों और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने वादों को लेकर अब झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का झूठ बोलना दुर्भाग्यपूर्ण है तथा इससे राजनीति में स्थापित तमाम परम्परायेें समाप्त हो जायेगी.
श्री यादव ने कहा कि इस वर्ष गुजरात में सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की है और वहां पानी का संकट बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इसी गुजरात माडल पर देश का विकास किया जाना है.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर अफवाह तथा दंगाफसाद फैलाने वाली पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की मूलभूत समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए धर्मान्तरण के मामले को उठाया जा रहा है.
जनता दल पार्टी के छह दलों के एक जुट होने पर सहमति जताने के बाद पहली बार इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित किया गया.
इसमें सपा के अलावा राष्ट्रीय जनता दल. जनता दल.यू. तथा जनता दल.यूएस. के नेताओं ने हिस्सा लिया. छह दलों के नेताओं ने नये दल की रूपरेखा तय करने का काम श्री यादव को सौंपा है.
श्री यादव ने कहा कि इस लडाई को केवल बिहार और उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रखा जायेगा बल्कि यह दिल्ली में सत्ता पर कब्जा करने तक जारी रहेगी ताकि बेरोजगारों और किसानों के साथ न्याय किया जा सके.
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में चुनाव से पहले लोगों से जो वादे किये गये थे उनमें अधिकांश को पूरा कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में लोगों को जितनी सुविधाएं दी जा रही हैं. उतनी कहीं भी नहीं दी जा रही हैं.
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जनता दल परिवार के नेताओं में अहम की लडाई समाप्त हो गयी है और जल्द ही एक पार्टी बनेगी और उसका एक झंडा होगा.
श्री मोदी पर चुनाव प्रचार के दौरान गलत बयानी का आरोप लगाते हुये श्री यादव ने कहा कि उस दौरान साधु.संत और महंत तथा सोशल मीडिया से एक माहौल बनाया गया और नौजवान उनके झांसे में आ गये.
उन्होंने कहा कि श्री मोदी जब वाराणसी में चुनाव लडने गये थे तो कहा था कि गंगाजी ने बुलाया है. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को पता है कि कब गंगाजी बुलाती हैं.
श्री यादव ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने कहा था कि केन्द्र में जब उनकी सरकार बनेगी तो पाकिस्तान आंख में आंख डालकर बात नहीं कर सकेगा और अब ऐसी स्थिति हो गयी है कि सीमा पर रोज गोलीबारी हो रही है.
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं चीन के सैनिक देश की सीमा के सात किलोमीटर अंदर आ गए और कई दिनों तक जमे रहे.
देश के सभी लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी जान देकर अल्पसंख्यकों की रक्षा करें.
मुस्लिम समुदाय में भी कुछ लोग नौजवानों को बहकाने का प्रयास करते हैं लेकिन देश के मुसलमानों को अलग थलग करने की क्षमता किसी में नहीं है.
जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि भाजपा सरकार वादा पूरा करें या गद्दी छोडे1 उन्होंने कहा कि भाजपा ईसाइयों और मुस्लिमों को हिन्दू बनाना चाहती है तो पहले देश में आम चुनाव करा ले. उन्होंने कहा कि सभी धर्मो का अलग अलग महत्व है लेकिन अब केरल.गुजरात और उत्तर प्रदेश में घर वापसी कार्यकम चलाया जा रहा है.
श्री शरद यादव ने कहा कि इस सरकार का छह माह का कार्यकाल पूरा हो गया है लेकिन विकास का एक भी काम शुरू नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सबको हिन्दू बनाने के बाद ही विकास कार्य शुरू होगा. उन्होंने कहा कि केवल दुनियाभर के पूंजीपतियों को देश में लाने के लिए कानून बनाया जा रही है.
जनता दल.एस. के प्रमुख एच डी देवेगौडा ने कहा कि जनता दल परिवार एकजुट हो लेकिन अन्य धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को भी एकजुट करें.उन्होंने कहा कि ज्वलंत मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर पार्टियों को एक साथ रहकर सरकार की विफलताओं का पर्दाफाश करना चाहिए.
जनता दल यू. के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान दो करोड युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया था लेकिन जब वह सत्ता में आई तो केन्द्र में नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार किसानों की कृषि लागत का पचास प्रतिशत अधिक बढाकर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई थी लेकिन इस बार फसलों की जो कीमतें बढायी गयी है वह पूर्ववर्ती की सरकार की तुलना में काफी कम हैं.धरना को कई अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया.
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