पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा का निधन, आज 3 बजे अंतिम संस्कार

Last Updated 24 Nov 2014 08:25:05 AM IST

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ मुरली देवड़ा का निधन हो गया है वो 77 साल के थे, देवड़ा फिलहाल राज्यसभा से सांसद थे.


पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा का निधन (फाइल फोटो)

उनके परिवार में उनकी पत्नी तथा दो बेटे हैं जिनमें पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा भी शामिल हैं .

मुरली भाई के रूप में जाने जाने वाले मुरली देवड़ा ने सुबह तीन बजकर 25 मिनट पर अंतिम सांस ली. वह बीमार चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें दो दिन पहले ही अस्पताल से घर पर लाया गया था. उनके परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

मुरली देवड़ा के पार्थिव शरीर को मुंबई कांग्रेस कार्यालय में रखा जाएगा जहां पार्टी कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे से दोपहर बाद दो बजे तक अपने दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन कर सकेंगे . बाद में दिन में उनका अंतिम संस्कार चंदनवाड़ी शमशान घाट पर किया जाएगा.

अपने दशकों लंबे राजनीतिक कैरियर में कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभालने वाले देवड़ा ने पहली बार 1975 में मुंबई में नगर निकाय का चुनाव लड़ा था.

अर्थशास्त्र में स्नातक डिग्रीधारी देवड़ा 1977 से 78 के बीच मुंबई के मेयर रहे और दक्षिण मुंबई से चार बार लोकसभा के लिए चुने गए . इसी सीट का प्रतिनिधित्व उनके बेटे मिलिंद ने किया जो पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं .

देवड़ा इस समय राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे थे .

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवड़ा ने संप्रग 1 सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री का पदभार संभाला था. वह 22 सालों तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे .

70 की उम्र को पार करने से कुछ ही समय पहले उन्हें 2006 में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया था. उन्होंने म्यामांर , अल्जीरिया और मिस के साथ तेल डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाया और सूडान, चाड़ , इथियोपिया तथा कोमोरोस के मंत्रियों के साथ वार्ताएं कीं .

देवड़ा ने नवंबर 2007 में पहली भारत अफ्रीका हाइड्रोकार्बन कांफ्रेंस और प्रदर्शनी की मेजबानी भी की थी. जुलाई 2011 में देवड़ा संचार और सूचना तकनीक राज्य मंत्री बनाए गए .

कांग्रेस पार्टी की मुंबई इकाई पर लगभग दो दशकों तक राज कराने वाले श्री देवडा भारतीय विद्या भवन और भारतीस रेड क्रॉस सोसायटी से लंबे समय तक जुडे रहे.

तेल कर्मियों की हडताल को सख्ती से समाप्त कराने के बाद लोगों ने श्री देवडा की विनम् छवि के अलावा उनका एक दूसरा रूप भी देखा. इसके बाद तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के अध्यक्ष पद का चुनाव भी विवादों के घेरे में आ गया था.

वर्ष 2006 में मणिशंकर अय्यर को हटाक र उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाये जाने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने अनुमान जताया था कि इनका चुनाव अमेरिका समर्थित और व्यापारी लॉबी के आदेश पर किया गया है.

वर्ष 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार बनने के बाद श्री देवडा को फिर से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया.

श्री देवडा के विनम् आचरण और मृदुभाषी व्यक्तित्व के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मधुर रिश्ते थे.

मुरली देवड़ा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख प्रकट किया है.

पीएम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को एक समर्पित नेता बताया और कहा कि पार्टी लाइन से हटकर वह अन्य नेताओं के बीच भी चर्चित रहे. पीएम ने दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि दिवंगत कांग्रेस नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दिल्ली से कांग्रेस के कौन-कौन से नेता जाएंगे.

मूल रूप से राजस्थान के सीकर से संबंध रखने वाले मुरली देवड़ा का जन्म साल 1937 में मुंबई में हुआ था. यहीं से उन्होंने बीए की और समाज सेवा से जुड़ गए. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1968 में पार्षद बनकर हुई. 1977 में वह शिवसेना के समर्थन से मुंबई के मेयर चुने गए.

इसके बाद 1980 में मुरली देवड़ा ने साउथ मुंबई सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार का मुंह देखना पड़ा, मगर इसके बाद हुए चुनावों में उन्होंने जीत हासिल की. 1982 में वह कांग्रेस के टिकट पर महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य बने.

1985, 1989 और 1991 में वह लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 1996 और 1999 में उन्हें फिर हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने इस सीट से अपने बेटे मिलिंद देवड़ा को उतारा और 2004 में मिलिंद सांसद चुने गए.

गांधी परिवार के करीबी समझने जाने वाले मुरली इसके बाद दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए. यूपीए की सरकार में उन्होंने पेट्रोलियम और कॉर्पोरेट अफेयर्स जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल था.



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