सहमति की रूपरेखा के तहत पाक के साथ उठाया जा सकता है कश्मीर मुद्दा: भारत

Last Updated 23 Nov 2014 08:34:13 PM IST

भारत ने रविवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे पर केवल पाकिस्तान से सहमति वाली बातचीत की रूपरेखा के तहत ही विचार विमर्श हो सकता है.




सहमति के तहत पाक के साथ उठ सकता है कश्मीर मुद्दा (फाइल फोटो)

हालांकि नेपाल में आगामी दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच मुलाकात की संभावना को लेकर कुछ नहीं कहा गया.
   
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अगले साल जनवरी में उनकी भारत यात्रा के दौरान भारतीय नेतृत्व के साथ कश्मीर मुद्दा उठाने का अनुरोध करने के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सामान्य दोतरफा रास्ता है.
   
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान के साथ सहयोगात्मक और शांतिपूर्ण संबंधों के पक्ष में हैं’’.
   
उन्होंने कहा, ‘‘इन सहयोगात्मक और शांतिपूर्ण संबंधों को प्राप्त करने की रूपरेखा पहले ही शिमला समझौते के तहत दोनों देशों के बीच तय है और बाद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और शरीफ के बीच लाहौर घोषणापत्र के दौरान फिर इसे दोहराया गया’’.
   
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण, सहयोगात्मक रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए सामान्य दोतरफा मार्ग है और यह सार्थक द्विपक्षीय संवाद है’’.

अकबरद्दीन ने कहा, ‘‘इस रास्ते से अलग हटकर चलने से हम समान लक्ष्य पर नहीं पहुचेंगे’’.
   
शरीफ ने शुक्रवार को ओबामा से कहा था कि जब वह अगले साल जनवरी में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने आएं तो मोदी सरकार के साथ कश्मीर का मुद्दा उठाएं.
   
जब अकबरद्दीन से पूछा गया कि क्या काठमांडो में 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और शरीफ द्विपक्षीय बैठक करेंगे तो उन्होंने केवल इतना कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का इरादा यथासंभव अधिक से अधिक दक्षिण एशियाई सहयोगियों के साथ सार्थक संवाद करने का है. इसका अर्थ हमारे रिश्ते के सभी पहलुओं को संज्ञान में लेना है’’.
   
प्रवक्ता ने कहा कि कार्यक्रम, अन्य नेताओं की प्राथमिकता और भारत के सार्थक संवाद के इरादे के संदर्भ में कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा क्रमबद्ध तरीके से कार्यक्रम बनाया जा रहा है.
   
उनके मुताबिक, ‘‘मैं आपको आश्वास्त कर दूं कि अहम बैठकें होंगी और पूरा ढांचा तैयार होने के बाद हम आपको अवगत कराएंगे’’.
   
इस बीच जब अकबरद्दीन से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने मोदी के साथ शरीफ की बैठक के लिए कोई प्रयास किया है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी कदम की जानकारी नहीं है.
   
मोदी 26 और 27 नवंबर को आयोजित होने वाले दो दिनी दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 25 नवंबर को काठमांडो जाएंगे.



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