जम्मू-कश्मीर और झारखंड में पहले चरण के चुनाव के लिए थमा प्रचार

Last Updated 23 Nov 2014 07:45:29 PM IST

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के तहत 15 सीटों और झारखंड के माओवाद प्रभावित 13 सीटों पर मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार रविवार शाम समाप्त हो गया.




जम्मू-कश्मीर, झारखंड में थमा चुनाव प्रचार (फाइल फोटो)

बीजेपी को उम्मीद है कि ‘मोदी लहर’ के सहारे वह बहुकोणीय मुकाबले में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेगी.
   
जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 123 उम्मीदवार मैदान में हैं जहां मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मुख्य विपक्षी पार्टी पीडीपी, बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ सत्तारूढ़ नेशनल कान्फ्रेंस के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.
नेशनल कान्फ्रेंस ने चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ लिया था.
   
झारखंड की 81 सीटों में से जिन 13 सीटों पर पहले चरण में मतदान होंगे उसके लिए 199 उम्मीदवार मैदान में हैं.

सत्तारूढ़ झामुमो, कांग्रेस-राजद गठबंधन, बीजेपी-आजसू, जेवीएम-पी, राजद, जद (यू), भाकपा, माकपा, भाकपा (माले-लिबरेशन) और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां मैदान में हैं.
   
25 नवंबर को जम्मू-कश्मीर की जिन 15 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने जा रहा है वे हैं सात जिलों कश्मीर घाटी में बांदीपुरा और गंदेरबल, लद्दाख क्षेत्र में करगिल और लेह और जम्मू क्षेत्र में किश्तवाड़, डोडा और रामबन.

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों में बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं और पहले चरण के लिए मतदान होने से पहले अब तक यहां सबकुछ शांतिपूर्ण रहा है.
    
मोदी ने भ्रष्टाचार के लिए राज्य की उत्तरोत्तर सरकारों पर हमला किया. उन्होंने विकास और हाल में बाढ़ से प्रभावित राज्य में पुनर्वास के मुद्दे को उठाया.
    
कांग्रेस की तरफ से प्रचार अभियान का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया. उन्होंने बीजेपी पर बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने में राजनीति करने और लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.
    
उमर ने फिर से सत्ता में वापसी का विश्वास जताया है. उन्होंने कहा है कि आतंकवाद विगत छह वर्षों में ‘सर्वोच्च निचले स्तर’ पर रहा है और उनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न विकास समर्थक पहल की है.
    
भगवा पार्टी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने जैसे विवादित मुद्दे को उठाने से बची है और 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ‘‘मिशन 44 प्लस’’ को हासिल करके राज्य में पहली बार सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है, जैसा उसने हाल में हरियाणा और महाराष्ट्र में कर दिखाया था.
    
उमर ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस मुद्दे पर दो नावों की सवारी कर रही है और उन्होंने चेतावनी दी कि इसका अंत ‘डूबकर’ होगा.
    
उन्होंने विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) को वापस लेने के अपने प्रयासों के बारे में भी बोला.
    
मुख्य विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य के लोग बीजेपी के ‘विभाजनकारी एजेंडा’ को खारिज कर देंगे और उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करेगी.

चुनाव अधिकारियों ने इन 15 विधानसभा क्षेत्रों में तकरीबन 1900 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं.

कुल 10 लाख 50 हजार 250 मतदाता पहले चरण में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे जिसमें 5 लाख 49 हजार 698 पुरष और 5 लाख 539 महिलाएं और 13 ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
   
दूसरे चरण के लिए दोनों राज्यों में दो दिसंबर को, तीसरे चरण के लिए नौ दिसंबर को, चौथे चरण के लिए 14 दिसंबर को और पांचवें चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान होगा.
   
मतगणना 23 दिसंबर को होगी.



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