सुधर रही है अर्थव्यवस्था, नरम पड़ रही है मुद्रास्फीति : जेटली

Last Updated 30 Aug 2014 07:35:03 PM IST

चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही जो करीब ढाई साल में सर्वाधिक है.


वित्त मंत्री अरूण जेटली

आर्थिक वृद्धि में तेजी के साथ वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि नई सरकार के एफडीआई नियमों को उदार बनाने तथा विनिर्माण क्षेत्र को गति देने के निर्णय से अर्थव्यस्था में सुधार आने के साथ निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है तथा मुद्रास्फीति नरम हो रही है.  

राजग सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में सुधार आया है, सेवा क्षेत्र आगे बढ़ता दिख रहा है  तथा कुल मिलाकर मुद्रास्फीति नरम हुई है.

जेटली ने कहा, ‘‘पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही जो उत्साहजनक है. जो भी नये कदम उठाये हैं उनका दीर्घकालीक असर शुरू होने के साथ मुझे विश्वास है कि आने वाली तिमाहियों में इसका असर व्यापक होगा.’’

पिछले तीन महीनों में किये गये निर्णयों को रेखांकित करते हुए जेटली ने कहा कि रक्षा तथा रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: को उदार बनाया गया, निर्णय में तेजी लायी गयी, कर विवाद के समाधान के लिये विशेष प्रणाली तैयार की गयी और   विनिर्माण एवं ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिये कदम उठाये गये.

वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘नई सरकार का नजरिया इस बात को लेकर एकदम स्पष्ट है कि उसे किस दिशा में आगे बढ़ना है. हम अधिकतर क्षेत्रों में व्यय को बनाये रखने के साथ आर्थिक गतिविधियों का विस्तार, तेजी से निर्णय, देश में व्यापार करने को आसान बनाने, महत्वपूर्ण क्षेत्रों को खोलना और निर्णय लेने की प्रक्रि या में तेजी चाहते हैं.’’

भविष्य के एजेंडे के बारे में मंत्री ने कहा कि सरकार जल्दी ही विनिवेश योजना लाएगी, वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: को आगे बढ़ाएगी और संसद के शीतकालीन सत्र में बीमा विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी.

लोकसभा चुनावों के नतीजे से माहौल में बदलाव का जिक्र  करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘30 साल के बाद किसी एक पार्टी को संसद में बहुमत मिला और इसीलिए  आर्थिक फैसले समेत निर्णय लेना आसान हुआ है.’’

उन्होंने कहा कि पूर्व संप्रग सरकार के उलट सरकार में कोई अंदरूनी मुद्दा नहीं है और वित्त मंत्रालय ने जो कदम उठाये हैं, उन सभी को प्रधानमंत्री तथा उनके कार्यालय का समर्थन है.

जेटली ने कहा कि राजग सरकार ने कर से जुड़े मुद्दों के संदर्भ में निवेशकों की शिकायतों को दूर करने की कोशिश की है और स्पष्ट किया कि पूर्व की तिथि से कर मामलों में कानून के लिये कोई गुंजाइश नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एडवांस रूलिंग के लिये नई व्यवस्था तैयार की है जो एक निश्चित सीमा से ऊपर घरेलू निवेशकों के लिये भी उपलब्ध है.

हमने कर विवादों के समाधान के लिये विशेष प्रणाली तैयार की है. ट्रांसफर प्राइसिंग के मामले में गुंजाइश कम हुई है.’’श्री जेटली ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को बढाकर 49 प्रतिशत करने से जुडे विधेयक के संसद के अगले सत्र में पारित होने की उम्मीद जताते हुये कहा कि इसे प्रवर समिति को भेजा गया है और समिति शीघ्र इस पर विचार.विमर्श शुरू करने वाली है.

उन्होंने बीमा विधेयक के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की संभावनाओं से इंकार करते हुये कहा कि राजनीतिक दलों में जो कुछ आशंकायें थी उसी को लेकर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया है.

वित्त मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर का उल्लेख करते हुये कहा कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों से उन्होंने इस पर चर्चा की है. पेट्रोलियम उत्पादों और शराब को जीएसटी सूची से बाहर रखने की राज्यों की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि सभी मांगे नहीं मानी जा सकती है.

हालांकि उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विक्रय कर .सीएसटी. की क्षतिपूर्ति का भुगतान राज्यों को किया जाना चाहिए था और उनकी सरकार शीघ्र इसे शुरू करने वाली है.

उन्होंने कहा कि नयी सरकार द्वारा किये उपायों से निवेशको का भरोसा बढा है और घरेलू और विदेशी दोनो तरह के निवेशक आने लगे है और इसका असर शीघ्र ही अर्थव्यवस्था पर दिखेगा.

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत की विकास दर उत्साहवर्धक है और आने वाली तिमाहियों का प्रदर्शन और बेहतर होगा. 

श्री जेटली ने कहा कि सरकारी क्षेत्रों में विनिवेश की आने वाले दिनों में घोषणा की जायेगी. डीजल में हर महीने 50 पैसे की बढोतरी के बारे में उन्होंने कहा कि जब डीजल की कीमत बाजार मूल्य पर आ जायेगी तो यह वृद्धि बंद हो जायेगी और इसका मूल्य भी बाजार आधारित हो जायेगी.

उन्होंने कहा कि सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जायेगा.







 



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