पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत आईएनएस कमोर्ता जहाजी बेड़े में शामिल
स्वदेशी तकनीक से निर्मित पहले पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत आईएनएस कमोर्ता को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने विशाखापत्तनम स्थित नौसैनिक गोदी में देश को सौंप दिया है.
आईएनएस कमोर्ता (फाइल) |
पोत का निर्माण कोलकाता स्थित मेसर्स गार्डेन रीच शिपयार्ड ने किया है.
पूर्वी नौसेना कमान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कमोर्ता पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत भारतीय नौसेना के आंतरिक संगठन ‘डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन’ की ओर से डिजाइन किये गए चार पोतों में से पहला है.
इसके निर्माण में देश के सर्वोत्तम गुणवत्ता के स्टील को इस्तेमाल किया गया है. इसकी लंबाई लगभग 110 मीटर और ऊंचाई 14 मीटर है. इसमें दो डीजल इंजन लगे हैं जिसकी मदद से यह 46 किलोमीटर की गति से चल सकता है.
इसमें 6482 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता है.
इसे बनाने का काम एक मार्च 2006 से शुरू किया गया था. जून 2013 से इसे समुद्र में उतारा जा रहा है. गार्डन रीच शिपयार्ड ने परीक्षण के बाद से 12 जुलाई 2014 को नौसेना को सौंपा था.
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