मोटापा दूर भगाता है भस्त्रिका प्राणायाम

Last Updated 09 May 2009 04:34:14 PM IST


मोटापा आज जन समस्या हो गई है जिससे कई बीमारियां अपने आप शरीर को घेर लेती है। बिना दवा और टेंशन लिये अगर नियमित रूप से भस्त्रिका प्राणायाम करें तो मोटापे से हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं। इस प्राणायाम से शरीर को प्राण वायु अधिक मात्रा में मिलती है। उसी प्रकार कार्बन डाई आक्साइड शरीर से बाहर निकलती है जिससे रक्त की सफाई होती है। शरीर के सभी अंगों में रक्त का संचार भांति-भांति होता है। दमा, टीवी और सांसों के रोग दूर हो जाते हैं। फेफड़ों को बल मिलता है। स्नायुमंडल सबल हो जाते हैं। वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं। हमारे पाचन संस्थान, लीवर और किडनी की मसाज होती है। भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले दो गिलास जल अवश्य पी लें। फिर पदमासन या फिर सूखासन में बैठ जाएं। कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर और मन को स्थिर करें। इसके बाद बिना शरीर को हिलाए, दोनों नाक छिद्रों से आवाज के साथ श्वांस बाहर निकालें। फिर गति को बढ़ाते हुए जल्दी-जल्दी आवाज के साथ सांस भरे और फिर निकालें। यह क्रिया कहलाती है भस्त्रिका प्राणायाम। हमारे दोनों हाथ हमारे घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रहेंगे। ध्यान रहे श्वांस छोड़ने और लेते वक्त हमारी लय न टूटे। नए अभ्यासी शुरू में कम से कम दस बार श्वांस छोड तथा दस श्वांस लें। आंखें बंद रहेगी। जिन व्यक्तियों को तेज सांसों के साथ किया जाने वाला भस्रिका प्राणायाम करने में परेशानी या कुछ समस्या आती है वे लोग श्वांस मंद-मंद लें लेकिन श्वांस की गति भस्त्रिका प्राणायाम की भांति प्रबल तेजी के साथ होगी। ध्यान रहे कि यह प्राणायाम भी दोनों नासिका छिद्रों के साथ संपन्न होगा। श्वांस लेने और छोड़ने को एक चक्र माना जाएगा तो एक बार में लगभग 25 चक्र करें। इस प्राणायाम को करने के बाद कपालभांति भी पांच बार अवश्य कर लें। शुरू-शुरू में आराम देकर अभ्यास न करें। ज्यादा लाभ उठाना हो तो योग गुरू के सानिध्य में ही करें। याद रखें कि उच्च रक्तचाप, ह्रदयरोगी, हार्निया, अल्सर, मिर्गी, स्ट्रोक और गर्भवती महिलाएं इसका अभ्यास न करें।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment