अपने वैवाहिक संबंध को ऐसे बचाएं...
पति-पत्नी का रिश्ता बेहद नाजूक होता है. संबंधों को तोड़ने में पांच वजह खलनायक की भूमिका निभाती हैं.
पति-पत्नी का रिश्ता (फाइल) |
यह कौन नहीं चाहता कि पति-पत्नी के बीच रिश्ते में हमेशा शहद-सी मिठास घुली रहे बावजूद गाहे-बगाहे खटास आ ही जाती है. आमतौर पर इसकी वजहें छोटी होती हैं लेकिन यही समय के साथ संबंध टूटने का सबब बन जाती हैं.
मनोचिकित्सक डॉ. अशोक दुबे के मुताबिक पति-पत्नी के रिश्ते में विलेन की भूमिका निभाने वाले पांच मुद्दे हैं.
कम्युनिकेशन की कमी: दिनभर के रुटीन को लेकर पति-पत्नी में बातचीत होती रहती है लेकिन केवल इससे यह समझ लेना कि आपस में कम्युनिकेशन ठीक है, सही नहीं है.
रियल कम्युनिकेशन तब माना जाएगा जब सुकून से बैठकर एक-दूसरे से आप अपने लक्ष्य, विचार और सपने शेयर करें. अगर रोज थोड़ी देर अपने काम, अपने रुटीन और अपने बच्चों के अलावा अन्य बातें करें तो आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं.
चौबीस घंटे में एक बार चाहे लंच या डिनर पर पति-पत्नी को एक साथ जरूर मिलना चाहिए. इससे आपस में संवाद के रास्ते बने रहते हैं.
विश्वास का संकट: अगर पति या पत्नी में से किसी एक को भी दूसरे की ईमानदारी पर भरोसा नहीं है तो रिश्ता बहुत दिन तक नहीं चल सकता. लाइफ पार्टनर के बीच कई बार गलतफहमियों की वजह से विश्वास का संकट आ जाता है. लगने लगता है कि एक-दूसरे को चीट कर रहे हैं.
कई बार थोड़ी-सी लापरवाही की वजह से भी अविश्वास पैदा होने लगता है. जैसे, पत्नी को ऑफिस से घर आने में लगातार देर हो रही है तो फोन कर उसे अपने पार्टनर को बता देना चाहिए कि वह देर से आएगी.
ध्यान रखें, अगर पति भी किसी काम में फंसे हैं और देर से घर आते हैं तो पत्नी को इसकी सही वजह बताएं. छोटे-छोटे झूठ बोलने से बचें क्योंकि कई बार एक छोटा-सा झूठ बड़े शक की वजह बनता है.
एक-दूसरे की भावनाओं के प्रति संवेदनशील बने रहें और आपस में इर्ष्या न करें, वरना अविश्वास पैदा होगा. शादी के पहले के संबंधों को बार-बार न कुरेंदे.
सेक्स में उदासीनता: कई बार पति-पत्नी के बीच प्यार में कोई कमी नहीं होती, फिर भी उनके बीच सेक्स को लेकर समस्या खड़ी हो जाती है. विवाह के शुरुआती बरसों में पति-पत्नी के बीच सेक्स संबंधों में जो गरमाहट होती है, वह धीरे-धीरे कम होती जाती है.
घरेलू जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण सेक्स को लेकर उदासीनता आ जाती है. इसकी वजह से आपस में दूरियां बढ़ने लगती हैं. इस समस्या से बाहर आने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे से अपने सेक्स अनुभव शेयर करने चाहिए. अपनी फैन्टेसीज बताएं और सेक्स में क्या अपेक्षाएं हैं, इस पर खुलकर बात करें.
मेरा पैसा-तेरा पैसा: पति-पत्नी के बीच पैसा एक सेंसटिव इश्यू होता है. यदि दोनों कमाऊ हैं तो अपने वेतन को कैसे खर्च करना है और कहां इन्वेस्ट करना है, ये विवाद का विषय बन जाता है. पत्नी कोई बड़ा सामान खरीदने में पति की सलाह नहीं लेती या पति बिना पत्नी से पूछे शेयर में पैसे लगा देता है तो निश्चित ही झगड़े होंगे. इससे बचने के लिए पति-पत्नी को मिल-बैठ कर हर महीने का बजट बनाना चाहिए.
इसमें शॉर्ट टर्म इंवेस्टमेंट के साथ बड़े खर्चों पर भी विचार करना चाहिए तभी गृहस्थी की गाड़ी बिना रुकावट के चलेगी.
मैं चाहे जो करूं मेरी मर्जी: पति-पत्नी के बीच ऐसी अंडरस्टैंडिंग होनी चाहिए कि किसी मुद्दे पर विचार अलग-अलग हों तो भी एक-दूसरे को समझते हुए निर्णय लें. अगर एक-दूसरे को इग्नोर करते हुए ये सोचेंगे कि मैं चाहे जो करूं मेरी मर्जी, तो बात बनने की बजाय बिगड़ जाएगी.
मतभेद होने पर एक-दूसरे पर चीखने चिल्लाने के बजाय बातचीत का रास्ता अपनाएं. याद रखें, पार्टनर की बात पर असहमत होने का मतलब उसका निरादर करना नहीं होता.
निपटने के नुस्खे: एक-दूसरे की इज्जत करें. बोलने और व्यवहार में एकदूसरे के प्रति आदर झलकना चाहिए. कभी अपने पार्टनर को ह्यूमिलिएट करने या नीचा दिखाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.
अपने पार्टनर को एप्रीशिएट करें. इससे एक-दूसरे का महत्व स्थापित होता है और जुड़ाव बढ़ता है. वास्तविकता में जियें. ये न सोचें कि आपकी सभी मांग पार्टनर पूरी कर देगा.
अगर मांग पूरी न हो तो नाराज होने के बजाय कारण समझने की कोशिश करें. पति और पत्नी, दोनों की अलग-अलग परिवारों में परवरिश होती है. इसी वजह से सोचने, काम करने का ढंग और रुचियां एक जैसी नहीं होती हैं. आपस में हंसी-मजाक करें और निकटता को इंज्वॉय करें.
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