यमन से निकले साढ़े तीन सौ भारतीय स्वदेश रवाना

Last Updated 01 Apr 2015 09:07:52 PM IST

भारतीय नौसेना का जहाज यमन में फंसे 350 प्रवासी भारतीयों को लेकर बुधवार दोपहर बाद जिबूती पहुँच गया जहाँ से उन्हें वायुसेना के दो विमानों के जरिये स्वदेश रवाना कर दिया गया.




यमन से भारतीय स्वदेश रवाना (फाइल)

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि एक विमान कोच्चि और एक विमान मुंबई उतरेगा. स्वराज ने कहा कि सरकार यमन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि यमन में हालात बेहद जटिल हैं. हवाई अड्डे यमन में हैं और हवाई इलाका सऊदी अरब के नियंत्रण में हैं.
    
विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने जिबूती पहुँच कर पूरे अभियान की कमान संभाल ली है.
     
उधर आईएनएस सुमित्रा जिबूती में साढ़े तीन सौ लोगों को उतारने के बाद दूसरी खेप लाने के लिये पुन: अदन लौट गया. यह जहा अदन से मंगलवार को जिबूती रवाना हुआ था. यह युद्धपोत बुधवार दोपहर बाद जब भारतीय नागरिकों को लेकर जिबूती पहुँचा तो वहाँ जनरल (अवकाश प्राप्त) सिंह ने उनका स्वागत किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं.
      
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के अनुसार आईएनएस सुमित्रा में सवार लोगों में सौ महिलाओं के साथ 25 बच्चे हैं. इन 350 भारतीयों में केरल के 206, तमिलनाडु के 40, महाराष्ट्र के 31, पश्चिम बंगाल के 23, दिल्ली के 22, कर्नाटक के 15 और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के 13 लोग शामिल है.
     
उन्होंने बताया कि अदन तथा सना में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मंगलवार नौसेना के दो और जहाजों के पहुँचने की उम्मीद है. नौसेना ने समुद्री मार्ग से 400 से अधिक लोगों को निकालने की तैयारी की है.
     
यमन में करीब चार हजार भारतीय मौजूद हैं जिनमें कामगार, व्यवसायी तथा नर्सें शामिल हैं. यमन में हाउती विद्रोहियों तथा सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देशों की सेनाओं के बीच जारी लड़ाई के कारण यहां के अधिकांश हवाई अड्डे संचालन के लायक नहीं रह गये हैं और हवाई नियंत्रण सऊदी अरब का हो गया है.
     
यमन में अरसे से जारी संघर्ष के बीच राष्ट्रपति अब्दरब्बूह मंसूर हादी के देश छोड़कर चले जाने के बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिये देश छोड़ने का परामर्श जारी किया. इसके बाद से ही नौसेना एवं भारतीय वायुसेना ने वहां से लोगों को सुरक्षित निकालने के अभियान में सहयोग देना शुरू कर दिया है. नौसेना ने इस काम के लिए तीन जहाज तैनात किए हैं. जबकि वायुसेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमान लगाये हैं. एयर इंडिया ने भी मस्कट में दो विमान तैनात किये हुए हैं.
      
सूत्रों के अनुसार विदेश मांलय ने इस अभियान में मदद देने के लिये खाड़ी देशों में भारतीय मिशनों और नयी दिल्ली स्थित मुख्यालय से पाँच वरिष्ठ राजनयिकों को जिबूती में तैनात किया है.
     
अदन की खाड़ी में जल दस्यु विरोधी अभियान के तहत तैनात गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा यमन से भारतीयों को निकालने वाला पहला जहाज था. इस जहाज को सोमवार को अदन बंदरगाह के करीब तैनात किया गया था.
     
सूत्रों के अनुसार नौसेना के दो और जहाज आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश भी सोमवार को मुंबई से रवाना हुए हैं. ये दोनों युद्धपोत दो जहाजों कावारत्ती और कोरल्स को सुरक्षा देंगे. सोमालिया तट से दूर समुद्र में जल दस्युओं के बढ़ते आतंक की वजह से यह जरूरी हो गया है. ये यी जहाज सोमवार को कोच्चि से जिबूती की ओर चले थे. इसके बाद ये दोनों जहाज भी यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान में शामिल हो जाएंगे.



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