पार्टी में एकता चाहते हैं आप के वैश्विक समर्थक
आप में बढ़ते कलह के बीच उसके प्रवासी भारतीय समर्थकों ने पार्टी नेतृत्व से एकजुटता बनाए रखने की अपील करते हुए अपने मतभेदों को शांतिपूर्वक सुलझाने की अपील की है.
पार्टी में एकता चाहते हैं आप के वैश्विक समर्थक (फाइल फोटो) |
दुनिया भर की ‘प्रवासी आप शाखाओं’ ने पार्टी नेतृत्व में ‘‘सामंजस्य और एकजुटता’’ की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर ‘हैशटैग यूनाइटेडआप’ नाम से एक अभियान शुरू किया.
आप के प्रवासी भारतीय समर्थकों ने पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों को किए ईमेल में अपील करते हुए कहा, ‘‘हम अपनी जीत को लेकर और भारतीय शासन में अमिट सकारात्मक बदलाव का अवसर पाकर बहुत उत्साहित हैं. बहरहाल, हम हालिया घटनाक्र म से और नेतृत्व में अविास के संकट से बहुत चिंतित हैं.’’
अपील पर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, उत्तर कैरोलिना, कतर, केन्या, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड, पश्चिम मध्य अफ्रीका, जर्मनी, ओमान, सिंगापुर, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और हांगकांग सहित 32 आप प्रवासी शाखाओं ने हस्ताक्षर किया.
अपील के मुताबिक, ‘‘किसी बड़े संगठन में वैचारिक मतभेद की संभावना है लेकिन हमारा मानना है कि इस मुद्दे में शामिल हर किसी के दिल में पार्टी और देश के हित की भावना है और इसलिए उन्हें भ्रष्टाचार, विकास और मानवाधिकार जैसी बड़ी समस्याओं से निपटने के लिए एकजुटता बनाए रखनी चाहिए.’’
अपील के अनुसार, ‘‘आज पार्टी जहां भी है उसे वहां तक लाने में हमारे सभी नेताओं ने मिलकर काम किया है और जरूरत है कि इसका विकास और मजबूत भविष्य सुनिश्चत किया जाए. हम पार्टी से जुड़े एडमिरल रामदास की अनुशंसाओं की फिर से समीक्षा करने और उसे लागू करने का आग्रह करते हैं.’’
पिछले सप्ताह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले लिखे पत्र में पूर्व नौसेना प्रमुख और पार्टी के ‘‘आंतरिक लोकपाल’’ ने कहा था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इसके अंदरूनी लोकतंत्र पर आलोचनाओं को सुलझाने के प्रयास की जरूरत है.
आप के अंदर भारी मतभेद उभर कर सामने आया है और ऐसे आरोप हैं कि इसके वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पार्टी के संयोजक पद से ‘‘हटाने’’ की कोशिश कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर केजरीवाल ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कल इस मामले में कहा था कि संगठन में जो कुछ भी हो रहा है उससे वह बहुत ‘‘दुखी और निराश’’ हैं और इसने लोगों के विास को ‘‘छला’’ है.
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