आतंकवाद से निपटने के प्रस्ताव लागू करो : भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर आतंकवाद के इस्तेमाल को नजरअंदाज करना अनुत्पादक है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी (फाइल फोटो) |
परिषद को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए उसके प्रस्तावों का बिना किसी अपवाद के कार्यान्वयन हो.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ‘सुरक्षा परिषद के कामकाज के तरीके’ विषय पर बहस में भाग ले रहे थे.
उन्होंने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सेना के अभियानों के आदेश का प्रारूप तैयार करने के सुरक्षा परिषद के तरीकों में खामियों और आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को कमजोर करने वाले उसके कामकाज के तरीकों के असर पर प्रकाश डाला.
मुखर्जी का पूरी तरह मानना है कि परिषद को बिना किसी अपवाद के आतंकवाद से मुकाबले के अपने प्रस्ताव को लागू करने के लिए चार्टर के तहत उपलब्ध उपायों को गंभीरता एवं पारदर्शी तरीके से लेना चाहिए.
कथित राजनीतिक उद्देश्यों के लिहाज से आतंकवाद के इस्तेमाल को नजरअंदाज करने का उल्टा असर होगा और इससे अधिक से अधिक सदस्य देश तेजी से बढ़ती हिंसा और तबाही से प्रभावित होंगे.
मुखर्जी ने कहा ‘इसलिए हम विशेष रूप से परिषद के कामकाज के तरीकों में आतंकवाद के मुकाबले के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के कार्यान्वयन को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को अनिवार्य समयबद्ध जानकारी देने की जरूरत शामिल करने की मांग करते हैं.’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने में सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर तेजी से उभर रहा है.
मुखर्जी ने पिछले महीने परिषद द्वारा स्वीकार किए गए नवीनतम प्रस्ताव को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को जानकारी देने के साथ प्रस्ताव पर शुरुआत करने की मांग की.
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