मानवता और नैतिकता का विस्तार

Last Updated 14 Aug 2014 01:50:15 AM IST

मनुष्य जीवन में सबसे मधुर वस्तु है स्नेह, सद्भाव, आत्मीयता. एक-दूसरे के प्रति जहां इस प्रकार की भावना रखी जाती है, वहां स्वर्ग का साक्षात्कार होता है.


धर्माचार्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

गरीबी और अभावग्रस्त स्थिति में भी मनुष्य इन तत्वों के  होने पर भारी संतोष और शांति का अनुभव करता है.

इसे सुरक्षित रखने के  लिए ही आध्यात्मिकता, धार्मिकता एवं आस्तिकता का विधान बना है. नवजात शिशु का स्वास्थ्य गड़बड़ न हो जाए, इस भय से माता अपनी जिव्हा इन्द्रिय पर काबू रख अपना आहार चलाती है. अपने स्वाद की उपेक्षा कर वह बालक का ध्यान रखती है. यही मातृ बुद्धि जब सारे समाज के  प्रति होने लगती है, तो मनुष्य स्वभावत: संयमी और संतोषी हो जाता है.

माता भोजन, वस्त्र, सुविधा तथा साधनों में कमी करके  भी जिस प्रकार अपने बालकों के  लिए अधिकाधिक साधन-सामग्री जुटाती है और उस प्रयत्न में उसे जो त्याग करना पड़ता है, उससे खिन्न होना दूर, उलटे वह अधिक प्रसन्नता अनुभव करती है. यह त्याग का, दान का, परमार्थ का, पुण्य का, उदारता का, सेवा का सिद्धांत है. आत्मभाव के  विस्तार से ही संयम, त्याग, स्नेह तथा सेवा भावना की वृद्धि होती है.

एक-दूसरे के  प्रति प्यार करे, एक  दूसरे के साथ सद्भाव एवं सहृदयता का व्यवहार करे, न्यायोचित मार्ग से जितनी साधन-सामग्री जुट सके, उसी में संतोष करे, तो उसके लिए संसार में मानसिक उलझनों जैसी कोई समस्या शेष नहीं रह जाती. यदि मन प्रसन्न रहे, उद्वेगों से छुटकारा प्राप्त किया जा सके, तो जीवनयापन बहुत सरल, सुविधाजनक एवं शान्तिपूर्ण हो सकता है. आज लोगों के  सामने अनेक समस्याएं मौजूद हैं.

उनके सुलझाने के लिए अनेक प्रकार के प्रयत्न किये जाते रहे हैं, पर गुत्थी सुलझने को कौन कहे, उलटी उलझती जाती है. स्वास्थ्य की समस्या सामने है. आर्थिक अभाव एवं तंगी सब लोग अनुभव करते हैं, इसके लिए उद्योगों के  विकास का प्रयत्न किया जा रहा है, नौकरियां बढा़ई जा रही हैं, पर तंगी दूर नहीं होती. कारण विलासपूर्ण अपव्यय रोकने और उपलब्ध साधनों का श्रेष्ठ सदुपयोग करने की कला की जानकारी नहीं होती. सारी उलझनों का एक ही कारण है- आस्तिकता, मानवता, धार्मिकता एवं नैतिकता का अभाव. इस अभाव की जितने अंशों में पूर्ति की जायगी, उतनी ही मात्रा में इस भूलोक में स्वर्गीय सुख-शांति अवतरित होने लगेगी.

गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment