मलाला मेरी बेटी जैसी

Photos: नोबेल पुरस्कार बच्चों के लिए लड़ने का एक अवसर

कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई ने कहा कि नोबेल पुरस्कार ने उन्हें बाल अधिकारों के लिए लड़ने और संघर्ष करने का शानदार अवसर दिया है. भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता सत्यार्थी ने पुरस्कार समारोह की पूर्व संध्या पर नार्वे के ओस्लो में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगर एक भी बच्चा खतरे में है तो पूरी दुनिया खतरे में है. सत्यार्थी (60) और मलाला (17) 11 लाख डॉलर का नोबेल शांति पुरस्कार बुधवार को साझा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार लाखों-करोड़ों बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिनका बचपन छिन रहा है. जिस समय मैं आप से बात कर रहा हूं ऐसे करोड़ों बच्चे हैं जिनका बचपन छिन रहा है, हमें उनके लिए काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे हैं जो जानवरों की तरह बेचे जा रहे हैं. बच्चे जो वेश्यावृत्ति में धकेले जा रहे हैं. बच्चे जिन्हें बंधक बनाया गया है. बच्चे जिन्हें बाल सैनिक बनाया गया है. सत्यार्थी ने कहा कि इस नोबेल पुरस्कार ने बाल अधिकारों के लिए लड़ने का शानदार अवसर दिया है.

 
 
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