मंगल पर उड़नतश्तरी का प्रयोग होगा!

PICS : नासा का मंगल पर मानव अभियान में उड़नतश्तरी का प्रयोग!

मंगल का वायुमंडल धरती के वायुमंडल से 100 गुना अधिक पतला है. ऐसे में अंतरिक्ष में दस हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल कर आ रहे यान को मंगल पर पहुंचने की आखिरी पांच सात किलोमीटर के दौरान बेहद धीमी रफ्तार से उतारना बड़ी चुनौती होगी. सामान्य यान इसमें काम नहीं आएंगे. इसके लिए उड़नतश्तरियों जैसे मजबूत यान बनाने होंगे.

 
 
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