'कभी न भूलने वाले शनिवार'

नेपाल में बीते शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप के पूरे एक सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन सुधा उपाध्याय को उस दिन की हर बात अभी भी याद है. सुधा कहती हैं कि ऐसा लग रहा था जैसे घर की दीवारें आपस में टकरा रही हों और मैं उनके बीच फंस गई हूं. 54 वर्षीय सुधा ने बताया कि 25 अप्रैल की दोपहर जब भूकंप आया तो वह टेलीविजन देख रही थीं. सुधा ने बताया कि अचानक टेलीविजन पर एक स्क्रोल चलने लगा कि भूकंप के आने के वास्तविक समय का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. अब मुझे ऐसा लग रहा है जैसे वह संदेश किसी चेतावनी की तरह था. उन्होंने बताया कि इसके कुछ ही सेकेंड बाद पूरा घर बुरी तरह हिलने लगा जैसा कि उन्होंने अब तक केवल फिल्मों में देखा था. सुधा इसकी तुलना 1974 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘अर्थक्वेक’ से करती हैं.

 
 
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