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- PICS: जहर खाने के बाद जागी जीने की इच्छा

अंतत: सर गंगा रात अस्पताल में विभिन्न विभागों के डॉक्टरों ने महज सिद्धांत के रूप में प्रचलित एक तरीके को अपनाया और इस युवा डॉक्टर की जान बचायी. डॉक्टर रे ने बताया, ‘‘इस नए इलाज की कीमत 4,500 रूपए प्रति डोज थी. इसका इस्तेमाल दवाओं से फैली विषाक्तता को निकालने के लिए किया जाता है लेकिन डिगॉक्सिन पर कभी इसका प्रयोग नहीं किया गया. अंतरराष्ट्रीय साहित्य में भी इसका सिर्फ एक ही उदाहरण मिलता है. लेकिन हम इस प्रक्रिया के परिणाम से चकित रह गए, 'एक्टिवेटेड चारकोल' आधारित अधिशोषी के दो काटिर्र्ज की मदद से किए गए हिमोपरफ्यूजन के महज 15 घंटे बाद सीरम डिगॉक्सिन का स्तर काफी हद तक कम होने लगा’’.
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