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- प्यास बुझाने को कुंए में उतरते हैं बच्चे

टिकरा भवरखंडी गांव के लोगों को निस्तार के लिए भी दूसरे गांव पर आश्रित रहना पड़ता है जो लगभग दो किलोमीटर दूर है. पानी की भारी किल्लत के चलते यहां के ग्रामीण सप्ताह में महज एक बार नहाने को मजबूर हैं. यह सिलसिला पिछले कई सालों से जारी है. चूंकि यह गांव वन ग्राम है लिहाजा यहां वन विभाग ने भी पानी के लिए दर्जनों जगह बोर कराए लेकिन यहां पर पानी का स्रोत नहीं मिला. गांव एक टेकरी में बसे होने के कारण हर साल यहां गर्मी के तीन माह में पानी की भीषण किल्लत हो ही जाती है. गांव में जितने भी कुएं हैं तकरीबन सभी सूख जाते हैं.
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