प्यास बुझाने को कुंए में उतरते हैं बच्चे

प्यास बुझाने को जान जोखिम में डाल कर कुंए में उतरते हैं बच्चे

पानी की किल्लत के चलते 2008 में तो यहां सैकड़ों बंदर तक मर गए थे. उस समय भी सहारा समय चैनल ने इस समस्या को प्रमुखता से उजागर किया था. उसके बाद वन विभाग ने दर्जनों नलकूप का खनन भी यहां कराया पर ग्रामीणों की बदकिस्मती के चलते एक भी खनन सफल नहीं रहा. यहां स्थिति आज भी जस की तस है. बस यहां के कुएं पक्का करा दिए गए हैं और पानी निकालने का तरीका बदल गया है.

 
 
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