- पहला पन्ना
- क्षेत्रीय
- रतलाम के साहूकार हनुमान जी

रतलाम से 8 किलोमीटर दूर इस गांव के मंदिर में हनुमान की सौ साल पुरानी मूर्ति है. यह मूर्ति पहले नीम के एक पेड़ के नीचे थी. मंदिर पर हवन की परंपरा शुरू हुई तो धनराशि भी एकत्रित होने लगी. तब मंदिर निर्माण की योजना बनाई गई. लेकिन इस बीच कुछ जरूरतमंद लोगों को हवन के दौरान प्राप्त हुई धनराशि को ब्याज पर दे दी गई. कर्ज पर मिलने वाले ब्याज से धीरे-धीरे मंदिर का कोष बढ़ता गया और कर्ज मांगने वालों की संख्या भी बढ़ती गई. और फिर यह मंदिर साहूकार हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध हो गया. यहां तक कि ब्याज की राशि से ही 40 लाख की लागत से बड़ा मंदिर बना दिया गया. इसके बाद ब्याज की राशि से ही माताजी के मंदिर का भी निर्माण किया गया. और अब श्री राम मंदिर का भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है.
Don't Miss