चंबल घाटी में कश्मीर जैसी रौनक

PICS: सरसों के उत्पादन से चंबल घाटी में कश्मीर जैसी रौनक

मध्य प्रदेश की चंबल घाटी के लाखों हैक्टेयर भूमि रकबे में इन दिनों सरसों की गंगा लहलहा रही है. अब से बीस वर्ष पहले जहां इस अंचल में डकैतों की बंदूकों से निकली गोलियों की आवाज खौफ पैदा कर देती थी, वहीं अब सरसों के उत्पादन ने चंबल घाटी में कश्मीर की वादियों जैसी रौनक कर दी है. भिंड, मुरैना और श्योपुर जिले को मिलाकर चंबल संभाग की पहचान होती. चंबल घाटी में व्याप्त पीली क्रांति ने यहां की धरती पर लगे डकैती के कलंक को काफी हद तक धो दिया है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंबल संभाग में कुल उपजाऊ भूमि से तीन लाख अस्सी हजार हैक्टेयर रकबा भूमि इस वर्ष सरसों का उत्पादन लिया जा रहा है. मुरैना के किसान जहां 1.53 लाख हैक्टेयर खेत्र में पीला सोना उगा रहे हैं वहीं भिंड में एक लाख अस्सी हजार हैक्टेयर और श्योपुर जिले में पचास हजार हैक्टेयर रकबे में तीस क्विंटल तक सरसों की पैदावार मिलने की संभावना है.

 
 
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