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- चंबल घाटी में कश्मीर जैसी रौनक
इस प्रकार लाखों क्विंटल पीले सोने के उत्पादन की उम्मीदों से लालायित होकर किसान और सरकार बेहद खुश हैं. सरसों के बेशुमार उत्पादन से चंबल के किसान की गृहस्थी का सालभर का गुजारा चलता है. लोग पुराने सोच को लेकर सरसों की बिक्री के प्रतिफल मिलने वाले पैसे को अपने साहूकारों के यहां आज भी बिना ब्याज के जमा करते हैं. वजह है कि उन्हें चोरी और डकैतों का भय भी सताता है.
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