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- चंबल घाटी में कश्मीर जैसी रौनक

किसान सरसों की खेती शुरुआत होने से पहले तिलहनी फसलों के तिल के साथ ही सोंहा या तारामीरा की खेती करते थे. बीहड़ की सूखी जमीन पर किसान सोंहा ही बोया करते थे. जिसका तेल पशुओं की आम बीमारियों में काफी फायदेमंद साबित था.
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