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- चंबल घाटी में कश्मीर जैसी रौनक

सोंहा के पौधों की ऊंचाई मुश्किल एक फीट भी नहीं होती थी. जाड़ों के मौसम में एक पखवाड़ा ऐसा आता था जब चंबल और क्वारी नदी के आसपास के क्षेत्र सोंहा के पीले फूलों से ढंक जाते थे. दूर से देखने पर मालूम होता था जैसे सोना पानी बनकर नदी में बह रहा हो लेकिन डाकू समस्या के छंटने और ट्यूबवेल नहरों के मार्फत माकूल सिंचाई का इंतजाम हो जाने से सोंहा की जगह आहिस्ता-आहिस्ता सरसों ने ले ली.
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