हजरत इमाम-ए-हुसैन नाम नहीं पैगाम

 हजरत इमाम-ए-हुसैन नाम नहीं पैगाम है : मौ. मंसूर

मौलाना मंसूर ने कहा कि खून-ए-हुसैन मी मिल्लते इस्लामिया को पुकार-पुकार कर सदाएं दे रहा है कि ऐ इस्लाम का नाम लेने वालों, मेरे नाना का हजरत मोहम्मद स.अ. की गुलामी का दम भरने वालों, हर साल माहे मोहर्रम में मेरी शहादत के दिनों में सच्चाई के झंडे को बुंलद करो और जुल्म करने से बचो. अल्लाह और रसूल के बताए रास्ते पर चलो. इसी में तुम्हारी कामयाबी है. दरगाह हजरत शाहमीना शाह के मुतवल्ली पीरजादा शेख राशिद अली मीनाई ने बताया कि कर्बला के मैदान में रसूल के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने यह संदेश दिया कि जुल्म के आगे सिर नहीं झुकाया जाए. जलसे की सदारत दरगाह हजरत शाहमीना के मुतवल्ली पीरजादा शेख राशिद अली मीनाई ने की. कार्यक्रम का आयोजन मीनाई एजूकेशनल सोसाइटी ने किया था. इस अवसर पर कारी हन्नान फहमी बुकारवी, शमशेर अली और मोहम्मद यासीन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.

 
 
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