- पहला पन्ना
- क्षेत्रीय
- दिल्ली में आम आदमी की सरकार

दिल्ली की जनता को केजरीवाल से बहुत उम्मीद हैं क्योंकि वह चुनाव लड़ने से पहले राजधानी में ऑटोरिक्शा चालकों, झुग्गी वासियों और मध्यम वर्ग के परिवारों समेत सभी वर्गों को खुशहाली के सपने दिखा चुके हैं. संभावना है कि शपथ ग्रहण करने के बाद केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल की बैठक ले सकते हैं और कुछ घोषणाएं कर सकते हैं. कांग्रेस के बाहरी समर्थन से बन रही ‘आप’ की सरकार को अपने प्रमुख वायदों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के लिए दो महीने से थोड़ा ही अधिक वक्त मिलेगा क्योंकि मार्च में लोकसभा चुनावों के लिहाज से आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना है.शीला दीक्षित की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के केजरीवाल के वायदों पर कार्रवाई पर भी जनता की नजर रहेगी क्योंकि वह भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ ही चुनाव में जीत हासिल करके सत्ता में आ रहे हैं. भावी मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के ‘ईमानदार’ माने जाने वाले अधिकारियों की पहचान प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिये जाने का संकेत दिया है. शुरूआत में आप ने कांग्रेस और भाजपा दोनों से ही समर्थन लेने से इनकार कर दिया था जिसके बाद दोनों बड़े दलों ने केजरीवाल की पार्टी पर इस डर से जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया था कि वह अपने वायदों को पूरा नहीं कर पाएगी. हालांकि बाद में जनमत सर्वेक्षण के नतीजों में आप द्वारा सरकार बनाने के जबरदस्त समर्थन के बाद सोमवार को केजरीवाल ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.