दिल्ली में आम आदमी की सरकार

दिल्ली में बनी आम आदमी की सरकार

26 साल की राखी बिड़ला से लेकर 41 वर्षीय मनीष सिसौदिया तक दिल्ली सरकार का मंत्रिमंडल न केवल अब तक का सबसे युवा मंत्रिमंडल है बल्कि संभवत: यह दिल्ली की पहली ऐसी कैबिनेट है जिसमें मुख्यमंत्री समेत सभी सदस्य पहली बार विधायक बने. राखी इस मंत्रिमंडल की सबसे कम उम्र की सदस्य है और इकलौती महिला चेहरा भी है. उन्होंने पहले ही चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पिछली सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्री राज कुमार चौहान को शिकस्त दी. आप में शामिल होने से पहले वह एक निजी समाचार चैनल में काम कर चुकी हैं. केजरीवाल के सहयोगी सिसौदिया भी 2011 में जन लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे के आंदोलन से सुर्खियों में आये थे. पत्रकार से कार्यकर्ता बने 41 वर्षीय सिसौदिया ने पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा से भाजपा के नकुल भारद्वाज को 11,000 से अधिक मतों से हराया. केजरीवाल की टीम में एक और युवा चेहरा हैं सौरभ भारद्वाज, जो इंजीनियरिंग के साथ कानून की भी पढ़ाई कर चुके हैं. 34 वर्षीय भारद्वाज ने भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे अजय कुमार मल्होत्रा को ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से करीब 13,000 मतों के अंतर से पराजित किया. स्वयं आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई कर चुके केजरीवाल के मंत्रियों की टीम में मालवीय नगर के विधायक सोमनाथ भारती भी आईआईटी से इंजीनियरिंग कर चुके हैं. उन्होंने भाजपा की आरती मेहरा और दिल्ली सरकार में मंत्री रहीं किरण वालिया को हराया. शकूर बस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन भी मंत्री पद पर काबिज हो रहे हैं. पेशे से आर्किटेक्ट जैन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में काम करते थे लेकिन वहां भ्रष्टाचार से आजिज आकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपना काम शुरू किया. वह जन लोकपाल आंदोलन से सक्रियता से जुड़े और बाद में आप में शामिल हो गये. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए .दिल्ली पुलिस के करीब 1600 कर्मी ने कड़ी निगरानी रखी.

 
 
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