मध्यप्रदेश में कोई दल नहीं मिली जीत की हैट्रिक

मध्यप्रदेश का इतिहास, जीत की हैट्रिक नहीं बना पाया कोई भी दल

मध्यप्रदेश में पिछले 50 साल के चुनावी इतिहास में कोई भी दल जीत की हैट्रिक नहीं बना पाया है. राज्य में यदि पिछले 50 बरस के चुनावी इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो एक तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आता है कि इस दौरान एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि जनता ने किसी पार्टी को तीसरी बार सरकार बनाने का मौका दिया हो. वर्ष 1977 में दस साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस आपातकाल के बाद जनता पार्टी की आंधी में उड़ गयी थी और उसे अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में भी सत्ता गंवानी पड़ी. हालांकि यह बात दूसरी है कि जनता पार्टी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और मात्र ढाई साल के शासनकाल में आपसी लड़ाई के चलते उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा. जनता पार्टी की सरकार भंग होने के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आई और मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने पांच साल तक निर्बाध शासन किया.

 
 
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