मध्यप्रदेश में कोई दल नहीं मिली जीत की हैट्रिक

मध्यप्रदेश का इतिहास, जीत की हैट्रिक नहीं बना पाया कोई भी दल

वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सहानुभूति मतों के सहारे प्रदेश में सरकार बनाने में सफल रही. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान बोफोर्स तोप कांड का असर मध्यप्रदेश में भी दिखाई पड़ा और कांग्रेस तीसरी बार सत्ता पाने से वंचित हो गई. तब भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता हासिल की थी और सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री बने. सुंदरलाल पटवा भी अन्य गैर कांग्रेसी सरकारों की तरह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये और वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाये जाने के बाद प्रदेश में हुए दंगों की वजह से उनकी सरकार भंग कर दी गई.

 
 
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