आरूषि-हेमराज हत्या पर सोमवार को फैसला

सोमवार को होगा फैसला, आरूषि-हेमराज को किसने मारा?

जांच दल ने करीब एक वर्ष की गहन जांच के बाद सहायकों को शक से मुक्त कर दिया और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर राजेश तलवार की भूमिका का संकेत दिया. दल ने 29 दिसम्बर 2010 को मामले में ‘‘अपर्याप्त सबूत’’ का हवाला देते हुए मामले को बंद करने की रिपोर्ट दायर की जिसे जिला मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह ने खारिज कर दिया. उन्होंने आदेश दिया कि इसमें तलवार दम्पति के खिलाफ मामला चलाया जाना चाहिए. अदालत ने कहा, ‘‘ऐसे मामले में जिसमें घटना घर के भीतर हुई, दिखायी देने वाले सबूतों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता’’. तलवार दम्पति उसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय गए जिसने निचली अदालत के सम्मन और उनके खिलाफ शुरू की गई सुनवायी को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी.

 
 
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