रेवती नक्षत्र, साध्य योग में मनेगी बसंत पंचमी

रेवती नक्षत्र, साध्य योग में मनेगी बसंत पंचमी

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, मां सरस्वती का जन्म पार्वती के शरीर कोष से हुआ, इसी वजह से उनका एक नाम 'कौशिकी' भी पड़ा। देवी भागवत के अनुसार, सरस्वती का जन्म श्रीकृष्ण की जिह्वा से हुआ और उन्होंने ही सरस्वती पूजन को प्रचलित किया। प्राचीन संस्कृत साहित्य में सरस्वती का ब्रह्मा जी से विशेष संबंध दर्शाया गया है। कहा जाता है कि सरस्वती ब्रह्मा जी के मुख से उत्पन्न हुई थीं इसीलिए उन्हें 'वाग्देवी' भी कहा जाता है।

 
 
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