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- जानें, इन नौ दिव्य औषधियों में है मां नवदुर्गा का वास

चतुर्थ कुष्माण्डा यानि पेठा : इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो पुष्टिकारक,वीर्यवर्धक व रक्त के विकार को ठीक कर पेट को साफ करने में सहायक है. मानसिकत रुप से कमजोर व्यक्ति के लिये यह अमृत समान है. यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर ह्रदय रोग को ठीक करता है. कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है. इन बीमारियों से पीड़ित को पेठा का उपयोग के साथ कुष्माण्डा देवी की आराधना करना चाहिये.
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