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- देवों के देव महादेव

‘आनंद रामायण’ में वर्णित है कि भगवान श्रीराम ने सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा के जल से बैद्यनाथ महादेव का जलाभिषेक किया था. फिर भला भक्तगण कैसे चूकते! और, चल पड़ी परिपाटी सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल कांवड़ में लेकर बाबा बैद्यनाथ पर अर्पित करने की. श्रावण महीने में सुल्तानगंज से देवघर तक करीब 100 किमी. के विस्तार में कांवड़िया तीर्थयात्रियों के कांवड़ों में लचकती-मचलती गंगा मानों बहती-सी जाती हैं-जैसे दो-दो गंगा बहती हैं श्रावण में- एक कांवड़ों में सवार होकर देवघर की ओर और दूसरी अविरल वहती हुई बंगाल की खाड़ी की ओर. ऐसा चमत्कार तो सिर्फ भगवान भोले शंकर ही कर सकते हैं.
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